Bihar News: आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने पटना पहुंचते ही नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोला। पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि नीतीश बीजेपी के आगे सरेंडर कर गया।
Bihar News: राजद अध्यक्ष बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपनी चिकित्सा पूरी करने के बाद दिल्ली से वापस आ गए हैं। उन्होंने पटना पहुंचते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर भी नकारात्मक टिप्पणी की और कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के सामने झुक गया है। इससे पहले दिल्ली जाते वक्त उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि वे विशेष राज्य का दर्जा नहीं पा सकते हैं। उन्होंने बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में चल रहे गतिरोध पर कुछ भी नहीं कहा। नीतीश कुमार को भी प्रतिपक्षी तेजस्वी यादव ने घेर लिया है।
दिल्ली से बृहस्पतिवार को लालू प्रसाद यादव पटना पहुंचे। दिल्ली एम्स में लालू यादव की चिकित्सा हुई। पटना पहुंचते ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडिया से बात की। पत्रकारों ने उनसे पूछा कि मोदी सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया और नीतीश कुमार भी कोई उत्तर नहीं दे रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलाया और हर जगह विफल रहे हैं। नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार और भाजपा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनसे अब कुछ होने वाला नहीं है।
लालू प्रसाद यादव ने पहले भी केंद्र सरकार के आम बजट की आलोचना की थी। उनका कहना था कि बजट में जनता के लिए कुछ नहीं होने से आम आदमी निराश हो गया है। बजट को लेकर लालू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बहुत कुछ कहा। उनका कहना था कि बजट में बिहार के लिए मिली राशि झुनझुना थमा देने की तरह है। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार इससे खुश हैं, लेकिन बिहार को हर समय विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए था। हम इसे लेकर रहेंगे।
बताते चलें कि लालू प्रसाद यादव 22 जुलाई को पटना से दिल्ली चले गए थे। 23 जुलाई को उन्हें दिल्ली में एम्स में आवश्यक इलाज दिलाया गया। मेडिकल जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी। उन्होंने दिल्ली में अपनी बेटी और लोकसभा सांसद निशा भारती के घर पर विश्राम किया। 25 जुलाई को वे पटना वापस आ गए।