Chaitra Navratri 2025 kab hai: चैत्र नवरात्रि इस बार 9 दिन की नहीं होगी। चैत्र नवरात्रि इस बार आठ दिन के होंगे। यहां जानें किस दिन क्षय होगा। यहां पूरी जानकारी पढ़ें
Chaitra Navratri 2025: वासंतिक नवरात्र में गज अर्थात हाथी पर सवार होकर आएंगी तथा महिष अर्थात भैंसे पर सवार होकर जाएंगी। आदिशक्ति माता ज्योतिर्विद डॉ पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली का कहना है कि हिंदू नव वर्ष भी वासंतिक नवरात्र के साथ शुरू होता है। 30 मार्च को कालयुक्त नव संवत्सर भी शुरू होगा। सूर्यदेव नव संवत्सर के राजा और मंत्री होंगे। वासंतिक नवरात्र 30 मार्च 2025 को रविवार को शुरू होगा और 6 अप्रैल 2025 को रविवार को समाप्त होगा।
किस तिथि का हो रहा क्षय
पंचमी तिथि खत्म होने से इस बार नवरात्र नौ दिनों की जगह आठ दिनों का होगा। इस नवरात्र को चैत्र माह में पड़ने के कारण चैत्र कहा जाता है। इसे चैत्र नवरात्र और वासंतिक नवरात्र भी कहते हैं। इस बार पंचमी तिथि खत्म होने के कारण आदिशक्ति मां दुर्गा को आठ दिनों तक नौ रूपों में पूजा जाएगा। सूर्योदय से सायं 6:14 तक रेवती नक्षत्र रहेगा, फिर अश्विनी नक्षत्र शुरू होगा। चंद्रमा सायं 6:14 बजे मीन राशि में प्रवेश करेगा। उसके उपरांत मेष राशि में प्रवेश करेगा । फलत: पंचक का समापन भी सायं 6:14 बजे के बाद हो जाएगा ।
ऐन्द्र योग रात में 7:41 बजे तक व्याप्त रहेगा। उसमे बाद वैधृति योग आरम्भ हो जाएगा
घरों में माता के आगमन का विचार: देवी भागवत पुराण के अनुसार
नवरात्र रविवार से शुरू होने के कारण माता का आगमन गज की सवारी पर होगा। जो देश की प्रगति के लिए फायदेमंद है। आम जनमानस का सुख, संपन्नता, प्रगति और शांति बढ़ते हैं।
माता का गमन
इस प्रकार इस नवरात्र में माता का गमन यानी प्रस्थान रविवार को होने के कारण महिष पर होगा । महिष अर्थात भैसे पर माता के गमन से अतिवृष्टि एवं कष्टकारक स्थिति उत्पन्न करने वाली होती है । माता का गमन कष्ट उत्पन्न करने वाला होगा। राष्ट्र में रोग एवं शोक में वृद्धि करने वाला होगा।