Chaitra Purnima 2025 Tulsi Puja Niyam: सनातन धर्म में चैत्र पूर्णिमा बहुत शुभ है। हनुमान जी का जन्मदिन भी इसी दिन मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा की जाती है।
Chaitra Purnima 2025 Tulsi Puja Niyam: हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा चैत्र मास की पूर्णिमा होती है। चैत्र महीने में कई बड़े व्रत त्योहार आते हैं। चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु, माता लक्ष्मी और माता तुलसी की पूजा करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति श्रद्धापूर्वक पूजा करता है, उनकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। घर में मां लक्ष्मी भी रहती है। वहीं इस दिन तुलसी पूजन में की गई कुछ गलतियों के कारण मां लक्ष्मी रूठ जाती है, जिससे व्यक्ति को पैसे की कमी होती है।
चैत्र पूर्णिमा की तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इसलिए पूर्णिमा का व्रत 12 अप्रैल को किया जाएगा।
चैत्र पूर्णिमा के दिन सूर्योदय का समय
चैत्र पूर्णिमा पर शाम 6 बजकर 18 मिनट पर चंद्रोदय होगा। यह समय है कि व्रती चंद्रदेव की पूजा करें।
ये गलती तुलसी पूजन में नहीं करें
चैत्र पूर्णिमा पर तुलसी पूजा करते समय स्वच्छता का खास ध्यान रखें। तुलसी के आसपास कुछ भी नहीं होना चाहिए। साफ-सफाई रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा भी आती है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन महिलाओं को खुल बालों में तुलसी के पौधे की पूजा करने और जल अर्पित करने से बचना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है, मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाता हैं।
चैत्र पूर्णिमा के दिन सूर्यास्त के बाद तुलसी को जल नहीं डालना चाहिए। यह स्वीकार किया जाता है कि ऐसा करने से दोष पैदा होता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन गलती से भी तुलसी के पौधे में काले रंग का कपड़ा नहीं बांधना चाहिए. ऐसा करने से नकारात्मकता बढ़ती है और मां लक्ष्मी रूठ कर घर से चली जाती है