उत्तराखंड के चमोली जिले की देवाल तहसील के मोपाटा गांव में एक बार फिर बादल फटने की गंभीर घटना हुई है। इस आपदा में दो लोग लापता हैं और कई मवेशी मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। भारी मलबा आने से गांव में तबाही मच गई है, जिससे मकान और एक गोशाला भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।
चमोली में बादल फटने के कारण मलबे की तीव्रता इतनी अधिक थी कि ग्रामीणों के लिए संभलना मुश्किल हो गया। मौके पर अफरा-तफरी का माहौल है और प्रशासन की राहत एवं बचाव टीमें बचाव कार्यों में जुटी हैं। घायल हुए विक्रम सिंह और उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चमोली में इस बार बादल फटने से प्रभावित इलाके में 15 से 20 मवेशी भी मलबे में दबे होने की जानकारी मिली है। साथ ही, बद्रीनाथ हाईवे के सिरोबगड़ के पास मिनी गोवा बीच में अलकनंदा नदी का पानी राजमार्ग पर आ गया है, जिससे मार्ग बंद हो गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए तुरंत राहत कार्यों का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखा और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने भी मलबे में दो लोगों के लापता होने की पुष्टि की है।
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन इस आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, ताकि जल्द से जल्द सभी फंसे हुए लोगों को बचाया जा सके और प्रभावित इलाकों को पुनः सुरक्षित बनाया जा सके।
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