CM Bhagwant Mann: युवाओं को फ़ौज और पुलिस में भर्ती होने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगा केंद्र
CM Bhagwant Mann: फ़ौज, अर्ध सैनिक बलों और पुलिस में युवाओं के लिए रोज़गार के नए क्षितिज कायम करते पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज यहाँ लगभग 29 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सैंटर फार प्रशिक्षण एंड इम्पलायमेंट आफ पंजाब यूथ ( सी- पाइट) का नींव पत्थर रखा।
इस दौरान मुख्य मंत्री ने कहा कि सी- पाइट केंद्र 10 एकड़ क्षेत्रफल में बनेगा। उन्होंने कहा कि यह संस्था स्व-अनुशासित, राष्ट्रीय भावना और निष्पक्षता और काम सभ्याचार को प्रफुल्लित करने के साथ अलग- अलग क्षेत्रों में युवाओं को रोज़गार के काबिल बनाने के लिए कौशल प्रदान करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि सी- पाइट देश भर में अपनी प्रकार का अकेला संस्थान है जो युवाओं को सेना में भर्ती होने का प्रशिक्षण देता है और इसमें रिहायश एंव प्रशिक्षण बिल्कुल मुफ़्त है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के अलग- अलग जिलों में 14 सी- पाइट कैंप हैं। सी- पाइट केंद्र अब तक 2 52, 656 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर चुका है और इसमें से 1,14, 670 युवाओं को रोज़गार प्राप्त हुआ है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि सी- पाइट को ज्यादा मज़बूत करने के लिए गाँव खेड़ी में स्थापित होने वाले कैंपस में क्लास रूम, रिहायश, खाने- पीने, आधुनिक खेल मैदान सहित उत्तम दर्जे की सुविधा होंगी। उन्होंने कहा कि इस केंद्र में सालाना 1200 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के अलग-अलग जिलों में बाकी 14 सी- पाइट कैंपस की क्लास और अन्य आधुनिक सुविधाओं के साथ अपग्रेड किए जा रहे है। इस उद्देश्य के लिए पंजाब सरकार द्वारा 78. 50 करोड़ रुपए के बजट का प्रबंध किया गया है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि सी- पाइट के पिछले 34 सालों के इतिहास में किसी भी सरकार ने पंजाब के युवाओं के लिए ऐसे प्रयास नहीं किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सी- पाइट द्वारा अब नौजवानों के लिए ड्रोन, सुरक्षा सेवाएं और खुदाई का प्रशिक्षण भी शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके बाद एक सी- पाइट कैंपस में ‘सैंटर आफ एक्सीलैंस इन ड्रोन प्रशिक्षण, रिपेयर एंड ऐसम्बली की स्थापना’ की जाएगी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन प्रयासों का पंजाब के युवाओं को बड़ा लाभ होगा और हमारे युवाओं को रोज़गार के बढिया अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि सी- पाइट के इन प्रयासों का सबसे अधिक लाभ ग्रामीण इलाकों के गरीब, अनुसूचित जातियों, पिछड़ीं श्रेणियों और बेरोज़गार युवाओं को होता है।