CM Yogi Adityanath : मेधावी विद्यार्थियों को मेडल व प्रमाण पत्र प्रदान किए

CM Yogi Adityanath : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का 120वां स्थापना दिवस मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ चिकित्सकों को सम्मानित किया

CM Yogi Adityanath जी ने कहा है कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय अपनी 120 वर्षों की शानदार यात्रा के साथ देश के एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में आगे बढ़ रहा है।आज यह चिकित्सा संस्थान बहुत सारी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। शासन द्वारा संस्थान को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं। के0जी0एम0यू0 की शानदार यात्रा को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार भरपूर सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री जी आज यहां किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (के0जी0एम0यू0) के 120वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। समारोह में उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया तथा अपनी फैकल्टी में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले मेधावी विद्यार्थियों को मेडल व प्रमाण पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री जी ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा नर्सिंग कार्मिकों के लिए तैयार की गयी नर्सिंग नियमावली का विमोचन किया। मुख्यमंत्री जी को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। नैक द्वारा के0जी0एम0यू0 को ए$ की रैंकिंग दी गई है। एन0आई0आर0एफ0 ने इस चिकित्सा संस्थान को 19वीं, यहां के डेण्टल संस्थान को चौथी तथा विश्वविद्यालय की श्रेणी में इसे 53वीं रैंक प्रदान कर विश्वविद्यालय के कार्यों को सराहा है तथा आगामी लक्ष्यों को भी निर्धारित किया है। आगामी 05 वर्ष में जब के0जी0एम0यू0 अपना 125वां स्थापना वर्ष मनाएगा तथा आगामी 30 वर्षों के बाद जब यह संस्थान अपनी 150 वर्षांे की यात्रा को पूरा कर रहा होगा, उस समय इसे एन0आई0आर0एफ0 एवं नैक की रैंकिंग के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। काल का प्रवाह किसी का इन्तजार नहीं करता है। हमें देश और दुनिया को देखते हुए वर्तमान के साथ-साथ आगामी 50 या 100 वर्ष की कार्ययोजना तैयार करते हुए आगे बढ़ना होगा। इस चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं से एक स्टैण्डर्ड बनाया जाए, जिसका पालन प्रदेश के अन्य चिकित्सा संस्थानों द्वारा किया जाए।

इसकी नींव अभी से डालनी होगी। किसी भी व्यक्ति या संस्थान की पहचान संकट के समय होती है। सामान्य दिनों में प्रत्येक व्यक्ति काम कर सकता है, जबकि अचानक चुनौती आने पर बड़े-बड़े लोग भी मैदान छोड़कर भागने लगते हैं। संकट ही वह समय होता है, जब व्यक्ति या संस्थान की परख होती है। ऐसे समय में कोई बिखर जाता है और कोई निखर जाता है। जो चुनौती स्वीकार करता है, वह निखरता है और जो चुनौती से भागता है, वह बिखर जाता है। हमें बिखरना नहीं, निखरना है। यही वह अवसर होता है, जब हम जनविश्वास अर्जित कर सकते हैं। यह कार्य कोरोना काल में के0जी0एम0यू0 ने किया था। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान के0जी0एम0यू0 ने पहले दिन से ही इस चुनौती से जूझने के लिए

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप पूरी तत्परता के
साथ कार्य किया था। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिए 300 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उसमें हाइब्रिड ओ0टी0, रोबोटिक सर्जरी सिस्टम, न्यूरो-नैविगेशन सिस्टम, माइक्रोस्कोप फॉर सुपरमाइक्रोसर्जरी, 02 कार्डियक कैथेटेराइजेशन लैब्स, लीनियर एक्सेलेरेटर, हाई एण्ड डी0एस0एस0 लैब्स की स्थापना के लिए धनराशि उपलब्ध करायी गई है। यहां पर मरीजों की तीमारदारों के लिए सी0एस0आर0 फण्ड से रैन बसेरे का निर्माण हो रहा है। सरकार एवं सी0एस0आर0 के स्तर पर धनराशि की कमी नहीं है। हमें समयबद्ध तरीके से अपने कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। सर्जरी विभाग के नवीन भवन निर्माण हेतु 377 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है। अग्नि से सुरक्षा की व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु 46 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी स्वीकृत है, लारी कार्डियोलॉजी का 70 करोड़ रुपये की लागत से विस्तार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए संस्थान को ऐसी अनेक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिनकी अपेक्षा इस चिकित्सा विश्वविद्यालय से प्रत्येक व्यक्ति करता है। डाटा सेण्टर की स्थापना के0जी0एम0यू0 की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाएगी। इस चिकित्सा संस्थान का दायरा बढ़कर लगभग 150 एकड़ होने जा रहा है। सुपर स्पेशियलिटी से जुड़े हुए मरीजों के लिए अलग से कैम्पस की व्यवस्था की जा सकती है। ओ0पी0डी0 में उपचार हेतु आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए टेली-कंसल्टेशन तथा वर्चुअल आई0सी0यू0 की व्यवस्था की जा सकती है। हमें इस दिशा में गम्भीरता से सोचने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के बहुत कम संस्थान ऐसे हैं, जिनके पास एम0बी0बी0एस0 की 250, बी0डी0एस0 की 100, बी0एस0सी0 नर्सिंग की 100, एम0एस0सी0 नर्सिंग की 50, एम0डी0एस0 की 46, एम0डी0/एम0एस0 की 355, डी0एम0/एम0सी0एच0 की 91 तथा पैरामेडिकल प्रशिक्षण की 628 सीटें उपलब्ध हैं। यह सभी के0जी0एम0यू0 के एक ही कैम्पस में उपलब्ध हैं। 27 सुपर स्पेशियलिटी विभाग, 522 चिकित्सक, 5,000 छात्र-छात्राओं तथा 7,500 कर्मचारियों से इस चिकित्सा विश्वविद्यालय का संचालन हो रहा है। के0जी0एम0यू0 में विगत वर्ष 19 लाख मरीज ओ0पी0डी0 में देखे गए तथा डेढ़ लाख मरीज भर्ती किए गए। संस्थान में लगभग 30,000 मेजर ऑपरेशन तथा लगभग 75,000 माइनर ऑपरेशन सम्पन्न किए गए हैं। लगभग 01 लाख ऑपरेशन सम्पन्न किए गए हैं। असाध्य रोगों के 2,644 मरीज तथा विपन योजना के अन्तर्गत 4,772 मरीज उपचारित हुए। जननी षिषु सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 6,388 मरीज तथा सी0एम0/पी0एम0 फण्ड के माध्यम से 2,768 मरीज उपचारित हुए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 12,102 मरीज तथा पण्डित दीन दयाल उपाध्याय कैशलेस उपचार योजना के अन्तर्गत 681 मरीज लाभान्वित हुए। आयुष्मान भारत योजना के अतिरिक्त 70 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक के लिए प्रधानमंत्री जी ने प्रतिवर्ष 05 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा की गारण्टी दी है। एक सफल डॉक्टर की सबसे बड़ी पूंजी उसकी संवेदना होती है। उनका एक ही संकल्प होता है ‘सर्वे संतु निरामया’, अर्थात सबके निरोग होने की कामना के साथ कार्य करना। मरीज के निरोग होने की सबसे बड़ी दवा डॉक्टर का व्यवहार होता है।
डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा, तो नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ का मरीज के प्रति व्यवहार अपने आप ठीक हो जाएगा। हमें इस संवेदना को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। मरीज बीमारी से ठीक होने के पश्चात बीमारी को भूल जाता है, परन्तु डॉक्टर के व्यवहार को लम्बे समय तक याद रखता है। एक चिकित्सक के रूप में हमें अपने व्यवहार एवं संवेदना को बनाए रखने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1905 में तत्कालीन रियासतों द्वारा 10 लाख 75 हजार 800 रुपये के सहयोग से यहां पर मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ हुआ था। मेडिकल कॉलेज के निर्माण के समय श्री मयंकेश्वर शरण सिंह की स्टेट से भी सहयोग मिला था। आज वह विभाग के राज्य मंत्री के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि के0जी0एम0यू0 की स्थापना में सहयोग देने वाले विभिन्न तबकों को सम्मानित किया जाए, जिससे अन्य लोगों में भी इस प्रकार के सहयोग की भावना उत्पन्न हो।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यहां के पुरातन छात्रों ने के0जी0एम0यू0 की गरिमा वृद्धि के लिए अभिनन्दनीय परिश्रम किया है। पूरे देश और दुनिया में इस विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र उपस्थित हैं। उन्हें भी अलग-अलग समय पर यहां बुलाना चाहिए तथा उनका सहयोग प्राप्त करना चाहिए। हाल ही में एस0जी0पी0जी0आई0 को सलोनी फाउण्डेशन के माध्यम से 450 करोड़ रुपये उपलब्ध
कराए गए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। अगर कोई व्यक्ति ब्रेन डेड हो गया हो और उसके अंग किसी दूसरे व्यक्ति की जान बचा सकते हैं, तो उन्हें डोनेट करने के लिए ऐसे मरीजों के परिजनों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा जागरूकता कैम्प लगाया जाए। इलाज के लिए आए हुए मरीजों के तीमारदारों को अंगदान के लिए पैम्फलेट तथा छोटे-छोटे विज्ञापनों के माध्यम से जागरूक किया जाए। इसके माध्यम से बहुत से मरीजों को नई जिन्दगी प्राप्त हो सकती है। वर्तमान में सड़क दुर्घटनाएं एक चुनौती हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में विगत 01 वर्ष में 25,000 से अधिक मृत्यु हुई है। इसमें से 40 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिनकी उम्र 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के बीच थी। इन स्थितियों में ट्रॉमा सेण्टर द्वारा इलाज किया जाता है या दुर्घटना में घायल लोगों को बचाया जाता है। के0जी0एम0यू0 में ट्रॉमा सेण्टर की स्थापना की कार्यवाही को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग से मानसिक रोगों की सम्भावना बढ़ेगी। इन चुनौतियों के लिए अभी से जागरूकता उत्पन्न करनी होगी। इसके लिए मानसिक रोगों के इलाज को विस्तार देना होगा। इस सम्बन्ध में के0जी0एम0यू0 एवं आई0आई0टी0 द्वारा लोगों को जागरूक किया जाए। लोग इनकी बातों को ध्यान से सुनेंगे। आज बच्चों को स्मार्टफोन से बचाने की आवश्यकता है। संस्थान की 120 वर्षों की यात्रा में महिला सशक्तिकरण का कार्य भी हुआ है। आज यहां 85 प्रतिशत बालिकाओं ने मेडल प्राप्त किए हैं। उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें
सम्मानित किया गया है। चिकित्सा विश्वविद्यालय और कानपुर आई0आई0टी0 के मध्य एक एम0ओ0यू0 सम्पन्न हुआ है। इसे तेजी से आगे बढ़ाना चाहिए। चिकित्सा शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के संस्थानों द्वारा मिलकर कार्य किए जाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। कोविड कालखण्ड के दौरान भी बेहतर समन्वय के लिए के0जी0एम0यू0, एस0जी0पी0जी0आई0, आई0आई0टी0 कानपुर, ए0के0टी0यू0 के साथ एक बैठक की कि शासन द्वारा प्रदेश के संस्थानों को सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित करने के लिए आवश्यकतानुसार धनराशि प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने लीकेजेज को रोका है, भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है। वर्ष 2017 में सरकार गठन के समय कई ऐसे विभाग ऐसे थे, जिनकी धनराशि 10 वर्षों से पी0एल0ए0 में पड़ी थी। इस धनराशि का उपयोग कर्मचारियों के वेतन तथा किसानों के कर्ज माफी के लिए किया गया। शासन स्तर पर यह कहा गया है कि अगर कोई विभाग 31 मार्च तक स्वीकृत धनराशि खर्च नहीं करता, तो शासन उसे वापस मंगा ले और उसे रूटीन कार्यों के साथ जोड़ दे। उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि के0जी0एम0यू0 की 120 वर्षाें की यात्रा चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार साथ संस्थान के साथ खड़ी है। इस चिकित्सा संस्थान के परिसर को विस्तार देने के लिए भूमि और आवश्यकतानुसार बजट भी प्रदान किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि विगत 120 वर्षाें में के0जी0एम0यू0 चिकित्सा से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी बनकर उभरा है। आगामी समय में वह पूरे भारत में नम्बर 01 पर होगा। इस संस्थान द्वारा इस वर्ष चिकित्सीय उपचार किये गये हैं, अगले वर्ष इनकी संख्या दोगुनी होनी चाहिए। कार्यक्रम को के0जी0एम0यू0 की कुलपति प्रो0 सोनिया नित्यानन्द एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के निदेशक प्रो0 मनिन्द्र अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर के0जी0एम0यू0 की उप कुलपति प्रो0 अपजीत कौर, अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो0 अमिता जैन सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सक उपस्थित थे।

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