CM Yogi Adityanath: सम्पूर्ण समाधान दिवस, थाना दिवस में आने वाले मामलों में असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले शासन के सभी विभागों, मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, तहसीलों, रेंज व थानों से स्पष्टीकरण लिए जाने के निर्देश
CM Yogi Adityanath ने यहां लोक भवन में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिलों में राजस्व वादों के निस्तारण और प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में सभी मण्डलायुक्त, पुलिस जोन ए0डी0जी0, पुलिस रेंज आई0जी0, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक आदि फील्ड में तैनात अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहभागिता की।
मुख्यमंत्री जी ने इस विशेष समीक्षा बैठक में सम्पूर्ण समाधान दिवस और थाना दिवस में आने वाले मामलों के शिकायतकर्ताओं से मिले फीडबैक तथा आई0जी0आर0एस0 और सी0एम0 हेल्पलाइन पर जनता से मिले फीडबैक के आधार पर रिपोर्ट जारी करते हुए मुख्यमंत्री जी ने असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले शासन के सभी विभागों, मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, तहसीलों, रेंज व थानों से स्पष्टीकरण लिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पैमाइश, अकृषक भूमि घोषित किये जाने से जुड़े लम्बित मामलों की जिलावार रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व वादों के निस्तारण के लिए मिशन मोड में कार्यवाही की जाए। कहीं भी किसी गरीब के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। जनता से जुड़े विभागों के अधिकारी तय समय पर जनता से जरूर मिलें। प्रत्येक विभाग में जनसुनवाई को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आई0जी0आर0एस0 में मिलने वाले आवेदन हों या सी0एम0 हेल्पलाइन अथवा थाना, तहसील, विकासखण्ड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ताओं की सुनवाई की जाए। पीड़ित/परेशान व्यक्ति की मनोदशा को समझें और उसकी भावना का सम्मान करें। उस व्यक्ति की समस्या का समाधान पूरी संवेदनशीलता के साथ किया जाए। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक होगा। जनशिकायतों/समस्याओं से जुड़े आवेदन का संतोषप्रद निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नामान्तरण, पैमाइश, लैंड यूज चेंज, वरासत आदि आम आदमी से जुड़े मामले किसी भी दशा में लम्बित नहीं रहने चाहिए। तय समय सीमा के भीतर मामलों का निस्तारण होना ही चाहिए। हर जिलाधिकारी तहसीलों की और मण्डलायुक्त अपने क्षेत्र के जिलों की नियमित समीक्षा करें। किस विभाग में आम आदमी के कितने आवेदन लम्बित हैं, क्यों लम्बित हैं, इसकी समीक्षा करें और जवाबदेही तय करें। मिथ्या/भ्रामक रिपोर्ट लगाने वाले कार्मिकों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, सम्भल अथवा कोई अन्य जनपद, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। जनपद सम्भल में विगत दिनों हुई घटना से जुड़े उपद्रवियों के साथ पूरी कठोरता के साथ निपटें। जिन लोगों ने सार्वजनिक सम्पत्ति को क्षतिग्रस्त किया है, उसे वापस ठीक कराने का खर्च उन्हीं उपद्रवियों से लिया जाए। अराजकता फैलाने वालों को चिन्हित किया जाए। इसके लिए जनता का सहयोग लें, सघन सर्च ऑपरेशन चलाएं। एक भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण के मामले संवेदनशील हैं। सड़क सभी के लिए है, आवागमन के लिए है, यह बिल्डिंग मैटेरियल का सामान रखने, निजी वाहन पार्किंग बनाने, दुकान बनाने अथवा किसी के अनधिकृत कब्जे के लिए नहीं है। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप सार्वजनिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण के मामलों में संवाद और समन्वय की नीति अपनाई जाए। सभी जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, ग्राम्य विकास विभाग, नगर विकास विभाग के साथ मिलकर स्थानीय निकायों के माध्यम से यह सुनिश्चित कराएं कि प्रदेश में कहीं भी आवागमन बाधित कर अनधिकृत कब्जा न हो जहां कहीं भी अनधिकृत कब्जा हो, वहां तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 06 दिसम्बर को भारतरत्न बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस है। अनेक संगठनों द्वारा बाबा साहब के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए जुलूस, सभा आदि आयोजित की जाएगी। ऐसे में कतिपय अराजक तत्व माहौल को खराब करने का कुत्सित प्रयास कर सकते हैं। तिथि की संवेदनशीलता के दृष्टिगत सभी जिलों में सभी आवश्यक प्रबन्ध किये जाएं। सेक्टर प्रणाली लागू करें। यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो। आगामी 25 दिसम्बर को भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्मशताब्दी के अवसर पर ‘सुशासन दिवस’ के भाव के साथ अनेक आयोजन होने प्रस्तावित हैं। इसी दिन क्रिसमस का पर्व भी है।
इसके बाद 31 दिसम्बर, 2024 व 01 जनवरी, 2025 को लोग हर्षाेल्लास के साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इस दौरान यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी हुड़दंग न हो। उल्लास मनाएं किन्तु सुनिश्चित कराएं कि कोई भी कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ न करे। सबकी आस्था, सबकी भावना का सम्मान होना चाहिए। साथ ही, शांति और सौहार्द का माहौल भी बना रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धर्मस्थलों पर अथवा गीत-संगीत के कार्यक्रमों में तय मानक से अधिक आवाज तथा निर्धारित समय के बाद में लाउडस्पीकर/डी0जे0 न बजें। कानफोड़ू स्वर वृद्धजन, रोगियों और स्कूल-कॉलेज के बच्चों के लिए बड़ी समस्या है। पूर्व में इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही हुई थी। एक बार फिर इसका निरीक्षण करें। जहां स्थिति ठीक न हो, तत्काल लाउडस्पीकर उतारे जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक प्रयागराज महाकुम्भ का पावन अवसर है। देश-दुनिया में महाकुम्भ को लेकर उत्साह है। आस्था और श्रद्धा से जुड़ा यह पर्व शांति के साथ सम्पन्न हो, इसके लिए सभी को सहयोग करना होगा। प्रयागराज के सीमावर्ती जनपदों की भी इसमें बड़ी भूमिका होगी। इस बार के महाकुम्भ को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त रखने की तैयारी है। इसके लिए जिला, तहसील, थाना स्तर पर लोगों को सभी आवश्यक जानकारियां दी जानी चाहिए। प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को अवगत कराएं कि ट्रैक्टर ट्रॉली से न जाएं। सुरक्षा का ध्यान रखें। ठंड से बचाव के लिए भी सभी को जागरूक करें। कोई प्लास्टिक का उपयोग न करे। सभी जिलों में इसे लेकर आवश्यक तैयारी कर ली जाए। इस बार 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं/पर्यटकों के प्रयागराज आगमन की सम्भावना है। इनमें से बड़ी संख्या में लोग अयोध्या, विन्ध्यधाम, काशी और मथुरा का भी भ्रमण करेंगे। इस सम्भावना के दृष्टिगत सम्बन्धित जिलों में आवश्यक तैयारियां समय से कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ठण्ड का मौसम प्रारम्भ हो गया है। सभी जिलों को कम्बल वितरण के लिए धनराशि भेजी जा चुकी है। सभी जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि कम्बल, रैन बसेरों का सदुपयोग हो। प्रदेश में कहीं भी कोई भूखा न सोए, सड़क किनारे न सोए। पुलिस पेट्रोलिंग के दौरान यदि कहीं कोई सड़क किनारे सोता हुआ मिले तो उसे रैन बसेरे तक पहुंचाएं। रैन बसेरे में निवास करने वालों का सत्यापन भी किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता को समझते हुए पराली प्रबंधन के लिए सभी जिलों को जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। 05 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली सभी परियोजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाए। जिलाधिकारी स्वयं इन परियोजनाओं का निरीक्षण करें।
सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत यातायात नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। प्रत्येक वर्ष एक बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं में असमय काल-कवलित हो जाते हैं। इसे जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है। नगरीय क्षेत्रों में जाम की समस्या के निराकरण के लिए नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप समस्या का समाधान तैयार करें। किसान, व्यापारी, पटरी व्यवसायी और श्रमिक संगठनों से संवाद और समन्वय बनाएं। उनकी समस्याओं, आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को समझें और उसका यथोचित निराकरण किया जाना सुनिश्चित कराएं।
Source: https://information.up.gov.in