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CM Yogi Adityanath का विपक्ष पर बड़ा आरोप, लोकसभा चुनाव से पहले भारत में भी श्रीलंका और बांग्लादेश की तरह थी…

CM Yogi Adityanath ने कहा कि भारत में भी लोकसभा चुनाव से पहले अस्थिरता की आशंका थी। जैसा राजनीतिक अस्थिरता का दृश्य श्रीलंका व बांग्लादेश में दिखा वैसा ही भारतीय राजनीति में छह माह पहले से देखने को मिल रही थी।

CM Yogi Adityanath ने कहा कि भारत में भी लोकसभा चुनाव से पहले अस्थिरता की आशंका थी। जैसा राजनीतिक अस्थिरता का दृश्य श्रीलंका व बांग्लादेश में दिखा वैसा ही भारतीय राजनीति में छह माह पहले से देखने को मिल रही थी। सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गईं। यह भाजपा और हमारी सोच को रोकने के प्रयासों की ओर संकेत करता है। वे देश में अस्थिरता पैदा करने में सफल हो गए होते अगर सक्षम नेतृत्व नहीं होता। भारत में राजनीतिक स्थिरता के लिए भारतीय जनता पार्टी अनिवार्य है।

कांग्रेस-सपा के झूठ का करें पर्दाफाश

उनका दावा था कि कथित धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वाले दल भारत की मूल सिद्धांतों पर हमले में भाग नहीं लेते। उन्होंने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करते हुए कहा कि हमें बैकफुट पर जाने की जरूरत नहीं है; इसके बजाय, हमें विपक्ष के व्यवहार की पोल खोलनी चाहिए। मुख्यमंत्री कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर हमलावर रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि इस अभियान को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाइए। हर घर जाकर हर व्यक्ति से बातचीत करें। उनसे कहिए कि उपचुनाव में विपक्षी पार्टियों के नेताओं से पूछिए कि आखिर कितने पैसे के बांड भरवाए गए थे। वह कहां हैं? कांग्रेस और सपा के झूठ को आम जनता के बीच से लेकर सोशल मीडिया से पर्दाफाश कीजिए।

भाजपा कैडर के विरोधी भी कायल

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ही सिद्धांतों की राजनीति करता है। भाजपा के विरोधी भी कैडर, अनुशासन, संगठन, कार्यपद्धति और कार्यक्रम को मानते हैं। उनका कहना था कि हर कोई भाजपा में शामिल होना चाहता है। मुख्यमंत्री ने एक मोबाइल फोन से एक सदस्य बनाने की अपील की। हर बूथ में दो सौ सदस्य होना चाहिए। इसके लिए कार्यकर्ता गांवों में विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच जाएं। मलिन-दलित गाँवों में जाकर उनकी बात सुनिए, फिर अपनी बात कहिए। राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं, रोजगार और कनेक्टिविटी से अवगत कराइए। कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री ने कहा कि वे घर-घर जाएं और हर व्यक्ति से मिलें, न सिर्फ मुखिया से। महिला मोर्चा के पदाधिकारियों और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं से बातचीत करें।

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