Haryana News: हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली है क्योंकि दीपेंदर हुड्डा ने रोहतक लोकसभा सीट से जीत के बाद उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था। आज हरियाणा में भाजपा की बैठक होगी, जिसके बाद किरण चौधरी को राज्यसभा कैंडिडेट के तौर पर नामित किया जा सकता है।
Haryana News: किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। वह तोशाम से विधायक थीं। किरण चौधरी ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, जिसे स्पीकर ने भी स्वीकार कर लिया। भाजपा ने उन्होंने यह इस्तीफा ऐसे वक्त में दिया है, जब चर्चा है कि भाजपा उन्हें राज्यसभा चुनाव में उतारने वाली है। रोहतक लोकसभा सीट से जीतने के बाद दीपेंदर हुड्डा ने उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया, इसलिए राज्य में एक राज्यसभा सीट खाली है। आज हरियाणा में भाजपा की बैठक होगी, जिसके बाद राज्यसभा के प्रत्याशी को घोषित किया जा सकता है।
ऐसे में किरण चौधरी के इस्तीफा देने से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह उच्च सदन की उम्मीदवार बन सकती है। सूत्रों का कहना है कि बुधवार को ही किरण चौधरी राज्यसभा उपचुनाव में नामांकन दाखिल कर सकती हैं। भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक उनके साथ रह सकते हैं। अप्रैल 2026 तक दीपेंदर हुड्डा का कार्यकाल बचा था। यही कारण है कि अगर किरण चौधरी राज्यसभा जाती हैं तो उनका कार्यकाल लगभग दो वर्ष का होगा। इसी साल जून में किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गई। जून में उनकी बेटी श्रुति भी भाजपा में शामिल हो गईं। वह भी भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद रही हैं।
किरण चौधरी जाट समाज से हैं, जो भाजपा का लक्ष्य है। वह राज्य के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू हैं। वे भिवानी-महेंद्रगढ़ क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय हैं। किरण चौधरी कांग्रेस में रहते हुए भी भूपिंदर सिंह हुड्डा से अलग थीं। कांग्रेस छोड़ने का कहना था कि वे बेटी श्रुति के लिए लोकसभा टिकट चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने राव दान सिंह को टिकट दिया। दान सिंह को हुड्डा का भरोसेमंद माना जाता है। इसी से नाराज होकर किरण चौधरी ने भाजपा जॉइन कर ली थी।