Delhi Bus News: दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के बेड़े में शामिल 1500 इलेक्ट्रिक बसों ने दो साल में वायु प्रदूषण से जूझती दिल्ली की हवा में 91 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड का जहर घुलने से बचाया है।
Delhi Bus News: दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के बेड़े में शामिल 1500 इलेक्ट्रिक बसों ने दो साल में 91 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड को दिल्ली की हवा में घुलने से बचाया है। इतना प्रयास करने के लिए प्राकृतिक रूप से 18.20 लाख पेड़ लगाने पड़ते। इतने सारे पेड़ लगाने के लिए धन और जगह की भी जरूरत होती है। परिवहन विभाग ने दो साल की अवधि में तैयार की गई समीक्षा रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
बीते दो वर्षों में दिल्ली में 1500 इलेक्ट्रिक बसों ने 11.20 करोड़ किलोमीटर चलाया है। इस दौरान करीब 40 करोड़ लोगों ने सफर किया है। परिवहन विभाग ने दिल्ली के 18 डिपो में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया है,जल्द ही 42 और डिपो में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
इलेक्ट्रिक बसों को दिल्ली की सड़कों पर उतारने के बाद, परिवहन विभाग ने लगभग दो साल की समीक्षा की है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के बेड़े में 25% इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। दिल्ली सरकार का दावा है कि 2025 तक इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 80% तक बढ़ जाएगी और सीएनजी बसों में कमी आ जाएगी. इसके बाद, हर साल दिल्ली की हवा में 4.67 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड कम हो जाएगा। इस प्रयास को पूरा करने के लिए दिल्ली के 60 बस डिपो में विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है।
अगस्त 2025 तक सीएनजी बस बंद हो जाएंगे
अगले वर्ष डीटीसी के बेड़े में 2966 सीएनजी बसों की मियाद पूरी हो जाएगी। बसों को सड़कों से हटाया जाएगा जैसे-जैसे उनका 15 वर्ष पूरा होगा। अगस्त 2025 तक इलेक्ट्रिक बसें इन बसों की जगह ले जाएंगे। दिल्ली सरकार के इन प्रयास ने हवा में जहर घुलने से रोक दिया है।
सर्दियों में प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय बनाए जाएंगे: श्री गोपाल राय
दिल्ली की राजधानी में सर्दियों का प्रदूषण कम करने का प्रयास अभी से शुरू हो गया है। शुक्रवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि विशेषज्ञों के साथ मिलकर दिल्ली के लिए एक शीतकालीन कार्यक्रम बनाया जाएगा। इसके लिए 21 अगस्त को दिल्ली सचिवालय में एक राउंड टेबल बैठक होगी। पर्यावरण मंत्री ने शुक्रवार को संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसका उद्देश्य सर्दियों में प्रदूषण को नियंत्रित करना था। इसमें प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारक पर चर्चा हुई। जाड़े के मौसम में हर इलाके में कूड़ा जलाया जाता है।