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Saurabh Bhardwaj: मुख्यमंत्री कोई भी बने, कुर्सी तो केजरीवाल की है

 Saurabh Bhardwaj: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा देंगे। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री की पदस्थापना अभी भी जारी है।

 Saurabh Bhardwaj: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा देंगे। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री पद आज भी केजरीवाल के पास है और अगले पांच वर्षों तक उनका रहेगा।

आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक के बाद आज दोपहर 12 बजे दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होगी, जो केजरीवाल के स्थान पर होगा। रविवार को केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि अगर लोग उन्हें “ईमानदारी का सर्टिफिकेट” देंगे, तो वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाएगा।

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठता है क्योंकि जनादेश अरविंद केजरीवाल का है।” अरविंद केजरीवाल को जनता ने चुना है। उनका दावा है कि वे मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठेंगे जब तक जनता उन्हें दोबारा नहीं चुनेगी। लेकिन कुर्सी इन और अगले 5 सालों के लिए अरविंद केजरीवाल की है। चुनाव होने तक हम में से कोई एक उस कुर्सी पर बैठेगा। यह वैसा ही होगा जैसे भगवान राम की अनुपस्थिति में भरत ने राज किया था। आज विधायकों के साथ चर्चा होगी और उसमें नाम तय हो सकता है।”

बता दें कि, ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि केजरीवाल ने इस्तीफा देने का फैसला कर बिल्कुल वैसा ही किया है, जैसा भगवान राम ने मर्यादा के लिए अयोध्या की गद्दी छोड़कर किया था।

भारद्वाज ने बताया कि भगवान श्रीराम ने त्रेतायुग में परिस्थितियों की वजह से राजगद्दी छोड़कर चौबीस वर्ष वनवास पर चले गए थे। अयोध्या की जनता भी इससे बहुत दुखी थी। बाद में भरत ने श्रीराम की खड़ाऊ राजगद्दी पर बैठकर शासन किया। अब श्रीराम और हनुमान जी के भक्त अरविंद केजरीवाल ने भी इस्तीफा देकर कहा कि वह सिर्फ तब सीएम बनेंगे जब जनता उन्हें फिर से चुनेगी और जिम्मेदारी देगी।

उनका कहना था कि कल दिल्ली में हुए राजनीतिक घटनाक्रम से केजरीवाल के खिलाफ की गई साजिशों से दिल्ली की जनता भाजपा से बहुत नाराज है। अब दिल्ली की जनता चाहती है कि जल्द से जल्द चुनाव हो, वह दोबारा ईमानदारी के नाम पर चुनाव लड़ने वाले अपने नेता अरविंद केजरीवाल को फिर मुख्यमंत्री की गद्दी पर बिठा सके। मेरा मानना है देश में जाति, धर्म और भाषा के नाम पर बहुत चुनाव लड़े जाते हैं। यह देश का पहला चुनाव होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहा है कि ईमानदारी के नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा।

 

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