Digital India, जो जादुई देवता ने बनाया, घर बैठे शिक्षा के साथ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में भी मदद की
Digital India
Digital India: आज भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) सिद्धांत को पूरी दुनिया अपनाने के लिए उत्सुक दिखती है। भारत ने विकसित देशों तक डिजिटल भुगतान की सेवाओं को लांच किया है। मिशन डिजिटल इंडिया से जुड़ी सेवाओं की सबसे अच्छी बात यह है कि वे समान दर पर सभी को, चाहे वे अमीर हों या गरीब हों, लोकतांत्रिक रूप से उपलब्ध रहे हैं।
2015 के जुलाई में शुरू हुआ मिशन Digital India ने देश की आर्थिक स्थिति को बदलने का अनुमान नहीं लगाया था। आपको नागरिक सुविधाएं इन जादुई जिन्नों से मिल जाएंगी। चंद सेकेंडों में लाखों रुपये का भुगतान करेगा। घर बैठे शिक्षा और शहर जाए बगैर चिकित्सा प्रदान करेगा।
Digital India: ग्रामीणों को शहर में सरकारी काम करने के लिए नहीं जाना होगा और बाजार में सामान खरीदने नहीं जाना होगा। गांवों में बैठे-बैठे विदेश में अपना सामान बेच सकेंगे और रोजगार के नए अवसर खुल जाएंगे। जब वे फोन पर खाना मांगने लगेंगे, तो घूमने के लिए टैक्सी बुला लेंगे। वंचित लोगों को उनके हिस्से का भुगतान घर बैठे किया जाएगा और उनके नाम पर किए जाने वाले भ्रष्टाचार पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
डीबीटी से जुड़ी स्कीम के तहत भेजी गई राशि
वर्ष | ट्रांजेक्शन | कुल धनराशि |
2019-20 | 438 | 3,81,631 |
2020-21 | 603 | 5,52,527 |
2021-22 | 717 | 6,30,264 |
2022-23 | 693 | 7,16,396 |
विश्व का बादशाह भारत
किसानों की खेती की प्रक्रिया बदल जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मिशन भारत को Digital India में महाशक्ति बना देगा। आयुष्मान भारत ने पिछले वर्ष 5.63 करोड़ लोगों को इलाज दिया है, जो डिजिटल भारत का परिणाम है। डिजिटल इकोनाम का हिस्सा जीडीपी में आठ प्रतिशत था, जो 2025 तक २० प्रतिशत हो जाएगा।
सबके लिए समान रूप से उपलब्ध
Digital India: भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) माडल को आज पूरी दुनिया अपनाने के लिए उत्सुक दिख रही है, जो डिजिटल इंडिया मिशन के तहत किए गए प्रयासों का परिणाम है। भारत ने विकसित देशों तक डिजिटल भुगतान की सेवाओं को लांच किया है। मिशन डिजिटल इंडिया से जुड़ी सेवाओं की सबसे खास बात यह है कि वे समान दर पर सभी को लोकतांत्रिक रूप से मिल रहे हैं, चाहे वे अमीर हों या गरीब हों।
तेजी से फैला इंटनेट
Digital India: मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं का पिछले नौ वर्षों में तेजी से प्रसार हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का तेजी से प्रसार हुआ, क्योंकि यह काफी सस्ता था। 2015 में 30 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन अब एक अरब से अधिक लोग ऐसा कर रहे हैं। शहरों की तरह ग्रामीण इलाकों में भी सस्ता मोबाइल फोन पर इंटरनेट उपलब्ध होने से डिजिटल सेवाओं में कोई फर्क नहीं रह गया।
यूपीआई ट्रांजेक्शन
अवधि | लेन-देन की संख्य (करोड़ में) | धनराशि |
2024 | 1,220.30 | 18,41,083.00 |
2023 | 803.60 | 12,98,726.62 |
2022 | 461.71 | 8,31,993.11 |
2021 | 230.27 | 4,31,181.89 |
2020 | 130.50 | 2,16,242.97 |
2019 | 67.27 | 1,09,932.43 |
2018 | 15.18 | 15,571,20 |
2017 | 0.45 | 1,696.22 |
योजनाओं को मिला विस्तार
सरकारी योजनाओं की ई-डिलीवरी: मोबाइल फोन में इंटरनेट उपलब्ध कराने के बाद, डिजिटल इकोनामी और डिजिटल सेवा के विस्तार ने ई-सर्विस और सरकारी योजनाओं की ई-डिलीवरी शुरू की। देश भर के लोगों को आधार से जोड़ा गया और बैंक खाते खोले गए, डिजिटल मदद से। जन्म प्रमाण-पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण-पत्र-पुत्र जैसी कई सेवाओं को घर बैठे उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कामन सर्विस सेंटर खोले गए. सेवानिवृत्त कर्मचारी शहर में घूमकर पेंशन जारी रखने के लिए ई-प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
दुनिया का डिजिटल बाजार भारत
Digital India: सरकार ने उमंग एप को लांच करके नागरिकों को सैकड़ों सरकारी सेवाओं की ई-सेवा मिलने लगी। धीरे-धीरे भारत ई-कामर्स में बदल गया और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डिजिटल बाजार बन गया। ई-कामर्स बाजार इस वर्ष 100 अरब डालर के पार जाने का अनुमान है। ऑनलाइन शिक्षा का कारोबार 3.2 अरब डालर तक पहुंच गया है।
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