पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने घोषणा की है कि 12वीं के छात्रों को बिजनेस आइडिया पर सफल काम करना होगा, तभी मिलेगा स्कूल सर्टिफिकेट। मनीष सिसोदिया ने इस फैसले को बताया ऐतिहासिक।
पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अब सिर्फ किताबी ज्ञान ही काफी नहीं होगा। प्रदेश के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने एक बड़ा और ऐतिहासिक ऐलान करते हुए कहा है कि अब 12वीं कक्षा के छात्रों को स्कूल सर्टिफिकेट तभी मिलेगा, जब वे किसी बिजनेस आइडिया पर काम कर उसे सफल बनाएंगे।
यह फैसला राज्य की शिक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इसका मकसद छात्रों में उद्यमिता की भावना, प्रैक्टिकल सोच और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
क्या कहा शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने?
हरजोत सिंह बैंस ने साफ कहा कि आने वाले समय में पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में 12वीं पास करने के लिए छात्रों को अनिवार्य रूप से एक बिजनेस आइडिया पर काम करना होगा और उसमें कुछ हद तक सफलता भी दिखानी होगी। तभी उन्हें स्कूल प्रमाण पत्र (School Certificate) दिया जाएगा।
✅ पंजाब में बिज़नेस ब्लास्टर प्रोग्राम 2 साल से 90% स्कूलों में
✅ 62 लाख गाड़ियों पर बैन से दिल्ली में हंगामा
✅ अब तक 1.8 लाख स्टूडेंट्स प्रोग्राम का हिस्सा
✅ हर छात्र को बिज़नेस आइडिया के लिए ₹2000 दी जा रही फंडिंग*
✅ मान सरकार की योजना, नौकरी देने वाले युवा तैयार… pic.twitter.com/S96vEfqbIU
— हिन्दी ख़बर | Hindi Khabar 🇮🇳 (@HindiKhabar) July 4, 2025
सिसोदिया ने बताया ऐतिहासिक कदम
दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में नया बदलाव लाएगा, बल्कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर छात्र पढ़ाई के साथ-साथ कमाई करना भी सीख सके। उन्होंने कहा,
“अगर किसी छात्र को नौकरी न मिले या वो नौकरी करना न चाहे, तब भी वह आत्मनिर्भर बनकर अपना व्यवसाय खड़ा कर सकेगा। यह निर्णय आने वाले समय में हजारों युवाओं की सोच को बदल सकता है।”
आज @harjotbains जी के साथ पंजाब के सरकारी स्कूलों के बच्चों ने Business Blasters में पेश किए शानदार और प्रेरणादायक बिज़नेस ideas… देखिए झलकियाँ pic.twitter.com/KJz8PBS4nN
— Manish Sisodia (@msisodia) July 5, 2025
उद्देश्य क्या है इस फैसले का?
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पढ़ाई के साथ कमाई का ज्ञान देना
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बेरोजगारी को कम करना और स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देना
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छात्रों को आत्मनिर्भर और इनोवेटिव बनाना
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व्यवहारिक शिक्षा और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से रूबरू कराना
इससे क्या बदलाव होंगे?
| पहलू | बदलाव |
|---|---|
| शिक्षा मूल्यांकन | केवल लिखित परीक्षा नहीं, अब छात्रों के प्रैक्टिकल आइडिया और उसके परिणाम भी मूल्यांकन का हिस्सा होंगे। |
| रोजगार | छात्र अब सिर्फ नौकरी के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि स्वरोजगार और उद्यमिता को भी अपनाएंगे। |
| स्किल्स | नेतृत्व, मार्केटिंग, बजटिंग, फाइनेंशियल प्लानिंग जैसी महत्वपूर्ण व्यावसायिक स्किल्स में दक्षता हासिल करेंगे। |
| आत्मविश्वास | छात्र अपने बिजनेस आइडिया को ज़मीनी स्तर पर लागू कर, स्वयं पर विश्वास करना और निर्णय लेना सीखेंगे। |
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