CM Arvind Kejriwal: क्या दिल्ली में जल्दी चुनाव हो सकता हैं, केजरीवाल ने 2 वजहों से चला इस्तीफे का दांव

दिल्ली के CM Arvind Kejriwal ने अपना पद छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट से कथित शराब घोटाले में महीनों तक जेल में रहने के बाद केजरीवाल ने अपनी रणनीति से सबको हैरान कर दिया है।

दिल्ली के CM Arvind Kejriwal ने अपना पद छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट से कथित शराब घोटाले में महीनों तक जेल में रहने के बाद केजरीवाल ने अपनी रणनीति से सबको हैरान कर दिया है। रविवार को अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि केजरीवाल ने अचानक इस्तीफे का दांव क्यों चल दिया और क्या दिल्ली में जल्दी चुनाव हो सकता है।

केजरीवाल जल्दी चुनाव चाहते हैं

केजरीवाल ने कहा कि शराब घोटाले के मामले में कोर्ट का फैसला आने में 10 साल भी लग जाएंगे, लेकिन वह जनता का फैसला पहले चाहते हैं। जब तक लोगों ने उन्हें निर्दोष घोषित नहीं किया, तब तक वह सीएम नहीं बनेंगे। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का चुनाव फरवरी में होना चाहिए, लेकिन मैं इसे नवंबर में ही कराए जाने की मांग करता हूं।

क्या दिल्ली में जल्द ही चुनाव हो सकते हैं?

केजरीवाल ने महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में भी चुनाव कराने की मांग की है। उन्हें नवंबर की जगह फरवरी में चुनाव करने की मांग की गई है। उन्होंने विधानसभा को भंग किए जाने का ऐलान नहीं किया है। उन्होंने कहा, नए मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल की बैठक में होगा। जानकारों का मानना है कि चुनाव आयोग जल्दी चुनाव नहीं कर सकता है अगर विधानसभा को समय पूर्व भंग नहीं किया जाता है और सरकार चल रही है। यदि केजरीवाल जल्दी चुनाव चाहते हैं तो उन्हें विधानसभा को भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए।

जल्दी चुनाव नहीं होने का दूसरा कारण

दिल्ली में नवंबर में चुनाव कराना भी असंभव है क्योंकि चुनाव से पहले बहुत सारी तैयारियों और समय की आवश्यकता होती है। दिल्ली में भी वोटर लिस्ट को अपडेट करना बाकी है। भारत चुनाव आयोग ने पिछले दिनों कहा है कि एनसीटी दिल्ली की मतदाता सूची को 1 जनवरी, 2025 के संदर्भ में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण करना चाहिए। सीईओ दिल्ली ने बताया कि एकीकृत नामावली 29 को जारी की जाएगी। 28 नवंबर तक दावे एवं आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी, और 24 दिसंबर तक उनका समाधान किया जाएगा। 6 जनवरी 2025 को मतदाता सूची अंतिम बार जारी की गई है। यह स्पष्ट है कि दिल्ली में चुनाव फरवरी में ही हो सकते हैं।

क्यों इस्तीफे का दांव चला?

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से पैदा हुई पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पिछले दो सालों से कथित शराब घोटाले के आरोपों से घिरे हुए हैं। खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ कहने वाले केजरीवाल की छवि को इस वजह से डेंट लगा है। भाजपा उन पर बहुत ज्यादा आक्रामक है। इसलिए केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया है। माना जाता है कि उन्होंने ‘जनता के फैसले’ का अजेंडा रखकर अगले विधानसभा चुनाव की दिशा निर्धारित की है। भाजपा के प्रचार अभियान को भी विफल करने का प्रयास किया गया है। भाजपा ने जनता को बताया कि केजरीवाल घोटाले के आरोपों के बावजूद कुर्सी पर बने रहे हैं। केजरीवाल के इस्तीफे की दूसरी वजह यह है कि दिल्ली में कई काम अटक गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उनके सीएम दफ्तर और सचिवालय जाने पर रोक लगा दी है, इसलिए केजरीवाल चुनाव से पहले कुछ काम करना चाहते हैं। वह नए मुख्यमंत्री के माध्यम से अटके हुए कामों को पूरा करना चाहेंगे, जैसे दिल्ली के बजट में घोषित 1000 रुपए की मासिक आर्थिक सहायता, जो दिल्ली की महिलाओं को मिलेगी। केजरीवाल ने एक ही तीर से कई लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश की है।

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