Falgun Purnima 2025: हिंदू धर्म में फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि पितरों के लिए अमावस्या की तरह महत्वपूर्ण है। फाल्गुन पूर्णिमा पर भी पितरों की शांति के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं
Falgun Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा बड़ी पावन तिथि है। एक वर्ष में बारह पूर्णिमा पड़ती हैं। इसलिए हर महीने एक पूर्णिमा होती है। फाल्गुन पूर्णिमा फाल्गुन महीने में पड़ती है। धार्मिक मत है कि फाल्गुन पूर्णिमा पर स्नान करने से पुण्य मिलता है। साथ ही फाल्गुन पूर्णिमा पितरों की आत्मा को शांति दिलाने के लिए भी बहुत लाभकारी मानी गई है.
हिंदू धर्म शास्त्रों में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन करने से पितरों की आत्मा शांति प्राप्त होती है। साथ ही पितर प्रसन्न हो जाते हैं और आशीर्वाद देते हैं। घर में सुख-शांति पितरों के आशीर्वाद से बनी रहती है। ऐसे में आइए इन उपायों को जानते हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा कब है?
13 मार्च को हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर इस दिन का समापन होगा। यही कारण है कि फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को मनाई जाएगी, उदयातिथि के अनुसार। 13 मार्च 2025 को फाल्गुन पूर्णिमा भी होगी।
करना चाहिए ये उपाय
दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक जलाएं
फाल्गुन पूर्णिमा की शाम को घर की दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। अब पितृस्तोत्र पढ़ना चाहिए। इस प्रक्रिया को करने से पितर की आत्मा को शांति मिलती है और पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं, ऐसा माना जाता है।
भोजन का दान
फाल्गुन पूर्णिमा पर भोजन देना चाहिए। इसके अलावा किसी गाय, कुत्ते या कौवे को रोटी खिलानी चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने सेपितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
पितरों का तर्पण
पितरों को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन गंगा या किसी और पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इससे पितरों की आत्मा शांत मिलती है।
चंद्र देव को अर्घ्य
पूर्णिमा की रात चंद्र देव को कच्चे दूध में सफेद फूल डालकर अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं.साथ ही पृत दोष से छुटकारा मिलता है.