चारा घोटाला के दोषी लालू यादव का हाथी से व्हीलचेयर तक 26 सालों का सफर

बात है 9 जनवरी सन 1999 की जब लालू यादव पटना के बेउर जेल से जमानत पर निकले थे तब वह हाथी में बैठकर अपने निवास स्थान पहुंचे थे राजाओं की तरह और फिर वही जनवरी 2021 में जेल के दौरान जब रांची रिम्स से दिल्ली एम्स में रेफर किया गया तो वह व्हीलचेयर पर ही दिखे, अब वे व्हीलचेयर पर ही दिखते है ।

देश के बहुचर्चित करोड़ रुपए के चारा घोटाले (डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए के गबन) के सबसे बड़े केस में आज मंगलवार को फैसला आ गया सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित 75 आरोपियों को दोषी करार दे दिया वही अन्य 24 लोगों को बरी कर दिया गया। लालू प्रसाद यादव को क्या सजा होनी है इसका ऐलान 21 फरवरी को होगा। लालू प्रसाद को कोर्ट की ओर से दोषी करार देते ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया इसके बाद उनके वकील ने लालू प्रसाद को जेल भेजकर में भेजने के लिए आवेदन दिया जिस पर कोर्ट दोपहर में 2:00 बजे के बाद सुनवाई चल रही है।

लालू प्रसाद के दोषी करार देने की सूचना बाहर आते ही पटना से लेकर रांची तक उनके समर्थकों में मायूसी छा गई कोर्ट परिसर आरजेडी नेताओं से पट सा गया पुलिस का पहरा और बढ़ा दिया गया फिलहाल बताया जा रहा है कि मंगलवार को कोर्ट में 3 साल से कम वालों को ही सजा सुनाई है बात करे लालू प्रसाद की तो आरजेडी सुप्रीमो सहित 10 लोगों को सजा अलग से समय जाएगी ऐसे में यह माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव को 3 साल से ज्यादा की सजा हो सकती है वही हाई कोर्ट के सीनियर वकील राजनीति प्रसाद ने बताया कि लालू यादव के क्वेश्चन ऑफ सेंटेंस पर 21 फरवरी को फैसला होना है मेडिकल टर्म्स पर उन्हें रिम्स शिफ्ट करने की भी बात हो रही है।

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आपको बता दें कि इससे पहले भी चारा घोटाला के 4 मामले देवघर दुमका ट्रेजरी के दो अलग और चाईबासा ट्रेजरी से संबंधित दो मामलों में लालू को पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है अभी पहले के सभी मामलों में वह जमानत पर बाहर थे लेकिन मंगलवार को कोर्ट के इस फैसले से उन्हें एक बार फिर जेल जाना होगा।
कोर्ट में सुनवाई से पहले लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार ने कहा था कि अभियुक्तों की उम्र 75 वर्ष से अधिक है, लालू यादव जेल जाने की स्थिति में नहीं है ऐसे में कोर्ट द्वारा उन्हें राहत की उम्मीद है पहले वाले केस में परिस्थितियां अलग थी आज अलग है

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