गूगल की मेगा प्लानिंग: स्पेस में लॉन्च करेगा AI डेटा सेंटर, एनर्जी बचत और हाई परफॉर्मेंस का मिलेगा फायदा

गूगल लॉन्च करेगा स्पेस में AI डेटा सेंटर प्रोजेक्ट सनकैचर के तहत, सोलर पावर और TPU टेक्नोलॉजी के साथ। जानें कैसे यह ऊर्जा बचाएगा और भविष्य की AI कंप्यूटिंग बदल देगा।

गूगल ने स्पेस में AI डेटा सेंटर लॉन्च करने की बड़ी योजना की घोषणा की है। कंपनी ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम प्रोजेक्ट सनकैचर (Project Suncatcher) रखा है। इस पहल का उद्देश्य जमीन पर बने डेटा सेंटर की ऊर्जा खपत और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है।

क्यों गूगल बनाना चाहती है स्पेस में AI डेटा सेंटर?

AI डेटा सेंटर चलाने के लिए भारी मात्रा में ऊर्जा (Energy Consumption) की जरूरत होती है। जमीन पर डेटा सेंटर पर्यावरण पर भारी असर डालते हैं। वहीं, स्पेस में सोलर एनर्जी लगभग अनलिमिटेड है। गूगल के अनुसार, स्पेस में सोलर पैनल पृथ्वी की तुलना में 8 गुना ज्यादा पावर जनरेट कर सकते हैं और लगातार काम कर सकते हैं।

गूगल का मानना है कि भविष्य की AI कंप्यूटिंग के लिए स्पेस ही एकमात्र विकल्प हो सकता है।

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प्रोजेक्ट सनकैचर: सैटेलाइट और AI तकनीक

प्रोजेक्ट सनकैचर के तहत गूगल सोलर-पावर्ड सैटेलाइट्स लॉन्च करेगा। इन सैटेलाइट्स में टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स (TPUs) लगी होंगी, जो स्पेस में AI डेटा सेंटर क्रिएट करेंगी।

हालांकि, स्पेस में डेटा सेंटर बनाने में कई चुनौतियां हैं:

लागत और भविष्य की योजना

स्पेस में टेक्नोलॉजी भेजने की लागत अभी बहुत अधिक है। लेकिन गूगल का अनुमान है कि 2030 के दशक तक रॉकेट लॉन्च की कीमतें घट जाएंगी। इस वजह से, स्पेस में डेटा सेंटर चलाना लगभग जमीन पर बने डेटा सेंटर जितना ही किफायती हो जाएगा।

चीन भी कर रहा है नई तकनीक का परीक्षण

कुछ समय पहले चीन ने समुद्र में पानी के नीचे AI डेटा सेंटर का पहला चरण पूरा किया। इससे स्पष्ट होता है कि बड़ी टेक कंपनियां नए और इनोवेटिव डेटा सेंटर मॉडल्स को अपनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

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