गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 13 लाख छात्रों को 370 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति DBT के माध्यम से वितरित की। जानें नमो लक्ष्मी, नमो सरस्वती और मेरिट स्कॉलरशिप योजनाओं की पूरी जानकारी।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को राज्य के प्रमुख शिक्षा कार्यक्रमों नमो लक्ष्मी, नमो सरस्वती विज्ञान साधना, मुख्यमंत्री ज्ञान साधना मेरिट स्कॉलरशिप और मुख्यमंत्री ज्ञान सेतु मेरिट स्कॉलरशिप के तहत छात्रवृत्ति वितरण समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर 13 लाख से अधिक छात्रों के बैंक खातों में 370 करोड़ रुपये सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजे गए।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रद्युमनसिंह वाजा, राज्य मंत्री रिवाबा जाडेजा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने बालिकाओं की शिक्षा को नई दिशा दी है। उन्होंने याद दिलाया कि मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू किए गए स्कूल प्रवेशोत्सव और कन्या केलवणी महोत्सव जैसे अभियान राज्य की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आए और परिवारों में बेटियों की पढ़ाई के प्रति जागरूकता बढ़ी।
सीएम पटेल ने कहा कि गुजरात ने KG से PG तक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को साकार किया है। उन्होंने छात्रों से ज्ञान प्राप्ति में समर्पण और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति गर्व का संदेश भी दिया।
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि युवा शक्ति भविष्य में विकसित गुजरात, आत्मनिर्भर गुजरात, विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी।
पिछले दो दशकों में गुजरात की शिक्षा अवसंरचना में तेजी से विकास हुआ है। स्कूल से उच्च शिक्षा तक राज्य ने मजबूत तंत्र तैयार किया है। डिजिटल कक्षाएं, स्मार्ट स्कूल, बेहतर शिक्षक भर्ती, कौशल आधारित शिक्षा जैसी पहल छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने में सहायक रही हैं।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी गुजरात में विश्वविद्यालय, मॉडल कॉलेज, स्किल यूनिवर्सिटीज़ और विशेष इंजीनियरिंग–मेडिकल–रिसर्च संस्थान स्थापित किए गए हैं। नमो लक्ष्मी, नमो सरस्वती और अन्य मेरिट स्कॉलरशिप योजनाएं विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा में निरंतरता और पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण रही हैं।
इसके अलावा, हॉस्टल सुविधाएं, STEM लैब्स, व्यावसायिक प्रशिक्षण और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में निवेश ने शिक्षा को उद्योगोन्मुख और समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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