Haj 2024: मुस्लिम महिलाओं की अनुपस्थिति में महरम हज हराम है? जानें उनका सफर आसान कैसे हुआ

Haj 2024

Haj 2024: हर साल, बहुत से मुसलमान देशों से हज के लिए पवित्र शहर मक्का आते हैं। सऊदी सरकार ने महरम के प्रतिबंधों को हटाकर महिलाओं को हज में जाना आसान बनाया है।

दुनिया भर में हर मुसलमान हज की रोमांचक यात्रा पर जाने की इच्छा रखता है। इस्लाम में हज पर जाने के कई नियम और शर्ते हैं। हज इस्लाम के पांच आधारों में से एक है। हज करने के बाद व्यक्ति का अल्लाह पर विश्वास मजबूत होता है।

वह भी बुरी आदतों (झूठ, बेइमानी, जिनाकारी) से दूर रहने का वादा करता है। इस्लाम धर्म के सिद्धांतों के अनुसार, हज के बाद व्यक्ति की आत्मा एक छोटे बच्चे की तरह पवित्र होती है। 2023 में मुबारक हज के फरीजे को पूरी दुनिया से 18 मिलियन से अधिक लोगों ने पूरा किया।

भारतीय मुसलमान हर साल हज के लिए पवित्र मक्का शहर जाते हैं। इनमें बड़े पुरुष और महिलाएं शामिल हैं। 2023 में 1 लाख 40 हजार भारतियों ने हज के लिए सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का पहुंचा था। हज के अरकान इस बार 14 जून से 19 जून (8 से 13 जिल हिज्जा) में अदा किया जाएगा।

इस मामले में तीसरे नंबर पर है भारत

Haj 2024: भारत, इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद पवित्र मक्का शहर में हज करने के लिए सबसे अधिक जायरीन आते हैं। 2024 में भारत से 1 लाख 75 लाख 25 जायरीन हज जाएंगे। 1 लाख 40 हजार 20 यात्री जायरीन हज कमेटी ऑफ इंडिया से जाएंगे, जबकि 35 हजार 5 यात्री निजी ऑपरेटरों से जाएंगे।

महिलाएं देश भर से हज करने के लिए मक्का भी आती हैं।साल 2023 में हज कमेटी ऑफ इंडिया के अनुसार लगभग 65 हजार से अधिक महिलाओं ने हज की अदायगी की थी। पिछले वर्ष चार हजार से अधिक महिलाएं बिना महरम (पुरुष संरक्षक) के हज पर पहुंची थीं। इस बार हज के जायरीनों में बहुत सी महिलाएं होंगी, जिनमें बगैर महरम के हज करने वाली भी होंगी।

महिलाओं को बगैर महरम हज की इजाजत

इस साल राजधानी दिल्ली से 69 महिलाएं महरम के बिना हज करने के लिए सऊदी अरब जाएंगी। इन महिलाओं को हज समिति ने हज के अरकान अदा करने और किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना करने की ट्रेनिंग दी है।

गौरतलब है कि 2018 से पहले, महिलाओं को महरम के बिना हज करने की अनुमति नहीं थी. लेकिन सऊदी सरकार ने कानून में बदलाव करके इसे संभव बनाया। भारत में भी कानून बदलकर महिलाओं को महरम हज पर जाने की अनुमति दी गई। 2023 में सबसे अधिक महिलाएं बिना महरम के हज पर गईं। जब चार हजार महिलाएं महरम के बिना हज में पहुंचीं।

क्या है महरम?

Haj 2024: अरबी भाषा का शब्द महरम है। इस्लाम की शरीयत के अनुसार, महरम किसी भी परिस्थिति में शादी करना (निकाह करना) गैरकानूनी या हराम है। इसमें पिता वालिद, सगे भाई, चाचा, ताऊ, मामू, नाना, दादा, सगे नाती, पोते, शौहर, शौहर का बेटा और सगा भांजा हैं।

इस्लाम धर्म में महिलाओं को हज या महरम के लंबे सफर पर जाने से मना किया गया है। पवित्र कुरआन और हदीस भी इसका उल्लेख करते हैं। अगर कोई महिला मजबूरी से हज के सफर पर जाती है, तो उसे हज का पूरा सवाब मिलेगा, लेकिन महरम के बिना सफर करना पाप (गुनाह) होगा। उस व्यक्ति को अल्लाह से माफी मांगनी होगी और कफ्फारा करना होगा। जिन महिलाओं के महरम नहीं हैं, भले ही वे आर्थिक रूप से संपन्न हों, उन पर हज नहीं फर्ज है।

हज का सफर हुआ सुरक्षित?

इस्लाम धर्म में महिलाओं को अकेले हज या लंबे सफर पर जाने से सख्ती से मना करने के कई कारण हैं। पुराने समय में हज का सफर बहुत लंबा और थकाऊ था, यातायात की बेहतर सुविधा नहीं थी, और समुद्री मार्ग पर तूफान और चोर-लुटेरों के हमले का खतरा बना रहता था। हज की यात्रा करने में कई महीनों का समय लगता था।

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जायरीन हज पर निकलने से पहले अपने रिश्तेदारों से मिलते थे और उनसे अपनी गलतियों की माफी मांगते हुए कहा कि शायद यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी। जायरीन हज के लिए समुद्र या सड़क पर जत्थों में चलते थे। हाल ही में हर क्षेत्र (जैसे शिक्षा, विज्ञान और स्वास्थ्य) में काफी विकास हुआ है।

इससे दुनिया के हर कोने में जाना आसान हो गया है। चाहे वह सड़क, पानी या हवाई हो। इससे यात्रा सुविधाजनक और सुरक्षित हुई है। बीते कुछ सालों में हज यात्रियों, खासकर महिलाओं, की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय किए गए हैं। उनके सफर का सबसे अच्छा इंतजाम किया गया है। बाद में सरकार ने महिलाओं के हज सफर पर महरम की प्रतिबंधों को हटाया है।

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