छठ पर्व की महाभारत काल में हरियाणा से महान दानवीर कर्ण ने की थी शुरुआत: नायब सिंह सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि छठ पूजा का सम्बन्ध हरियाणा से है। एक मान्यता के अनुसार छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी और सबसे पहले सूर्यपुत्र महावीर दानवीर कर्ण ने सूर्यदेव की पूजा यहां से 35 किलो मीटर की दूरी पर ही कर्ण की नगरी करनाल से शुरू की थी। वहां आज भी सूर्य पूजा का विशेष प्रभाव दिखता है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सोमवार को ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में छठ पूजा महोत्सव के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का विधिवत रूप से आरंभ किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पूर्वांचल सभा ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्वांचल भाषा में कहा, “रउआ सभ के छठ पूजा के हार्दिक शुभकामना। छठ मैया के कृपा रउआ सभ प बनल रहे आउर रउआ के जिंदगी मे खुशियां भर दे।” उन्होंने कहा, “ब्रह्मसरोवर के ई पवित्र भूमि प छठ मैया के पूजा-अर्चना करे के एकदम बेजोड़ अनुभव बा। एहिजा के आस्था आउर श्रद्धा दिल के छू जाला। ई पर्व भारतीय संस्कृति के सेतु हवे, जे देस के हर क्षेत्र के आस्था के धागा से जोड़े ला।”
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज जब ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर छठ मैया की जय-जयकार हो रही है तो इस पर्व की महिमा कई गुणा बढ गई है। ऐसा लग रहा है, जैसे सूर्य देव का तेज और छठी मैया का आशीर्वाद इस ब्रह्मसरोवर के जल में उतर आया है। उन्होंने कहा कि यहां उस महान संस्कृति का सम्मान कर रहा हूं, जो बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर आए हैं। इसी संस्कृति में छठ पर्व भारतीय संस्कृति का सेतु है। इसमें चार दिनों तक व्रती माताएं और बहनें तप, संयम और श्रद्धा से व्रत करती हैं। ऐसी वीरांगना माताओं और बहनों को नमन है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सूर्य की उपासना से हमारी संस्कृति व आस्था का प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है। छठ पूजा के जरिए हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश के महत्व को बताया गया है। चढ़ते सूरज की पूजा हर कोई करता है, लेकिन आप सूरज के हर रूप की पूजा करते हैं। इसमें ढलते सूरज की पूजा करना भी अद्भुत है। इससे यह संदेश जाता है कि हमें जीवन के उतार-चढ़ाव में समान भाव रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि करनाल में सूर्य नारायण मन्दिर के सामने पश्चिमी यमुना कैनाल पर 4 करोड़ 48 लाख रुपए की लागत से स्नान घाट का निर्माण किया गया है। इसी घाट के सामने नहर के दूसरे किनारे पर भी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत एक और घाट का निर्माण हो चुका है। इसके अलावा पानीपत, सोनीपत व पंचकुला में भी घाट बन चुके हैं। वहां छठ पर्व पर भारी संख्या में महिलाएं पूजा करती हैं। कैथल में भी जल्द ही घाट बनने जा रहा है।
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