हरियाणा सरकार ने सभी विभागों, बोर्ड और निगमों में हड़कंप मचा दिया है। सरकार ने एक सख्त आदेश जारी कर अब तक के कच्चे (संविदा) कर्मचारियों के नियमितीकरण की स्थिति की पूरी जानकारी 24 घंटे के भीतर मांगी है। इस संदर्भ में विभागों को 12 सितंबर 2025 तक डेटा ईमेल के माध्यम से मानव संसाधन शाखा और महाधिवक्ता कार्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
2014 की विवादित नीति के तहत नियमितीकरण की जानकारी जरूरी
हरियाणा सरकार के मानव संसाधन विभाग की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण 2014 की नीति के अनुसार नहीं हुआ है, तो संबंधित विभागों को इस बारे में भी शून्य सूचना (Zero Report) देना अनिवार्य होगा।
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विभागों को मिले केवल 24 घंटे का समय
सरकार ने इस मामले में सभी विभागों को मात्र 24 घंटे का समय दिया है, जिसके कारण सभी विभागों में तेजी से कार्यवाही शुरू हो गई है। आदेश में संशोधित प्रिजर्ल्ड फार्म में आंकड़े सीधे महाधिवक्ता कार्यालय हरियाणा को भेजने के निर्देश भी शामिल हैं।
क्यों जरूरी है यह कदम?
यह कदम प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और सरकारी कर्मचारियों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। साथ ही इससे भविष्य में किसी भी प्रकार की कानूनी जटिलताओं से बचा जा सकेगा।
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