हिजाब मामले में हाईकोर्ट के अंतरिम रोक के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

कर्नाटक के स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पहनने की मांग को लेकर चल रहा विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा, बात अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में कोई फैसला ना होने तक सभी स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब ना पहनने का एक अंतरिम आदेश जारी किया था। अब हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि ‘स्कूल व कॉलेज जैसे संस्थानों में स्टूडेंट अपनी मजहबी ड्रेस ही पहन कर आने की जिद नहीं कर सकते हैं इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि स्कूल एवं कॉलेजों को पढ़ाई के लिए तत्काल खोला जाना चाहिए ‘।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है अर्जी यूथ कांग्रेस के नेता बीवी श्रीनिवास की है, इस अपील में यह कहा गया है कि हाईकोर्ट की ओर से हिजाब पहनकर स्कूल और कॉलेज संस्थानों में जाने पर रोक लगाना मुस्लिम छात्राओं के साथ उनके मूल अधिकारों का हनन है, अगर ऐसा रहा तो मैं अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पायेंगी, अर्जी में यह भी कहा गया है कि 15 फरवरी से छात्रों के प्रैक्टिकल एग्जाम शुरू है ऐसे में उनकी पढ़ाई में किसी भी तरीके की दखल देना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। इस अर्जी में संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (a) का हवाला देते हुए यह बात कही गई कि यह फैसला छात्राओं के अभिव्यक्ति की आजादी एवं नीचता की आजादी का उल्लंघन है और बिना किसी वैध कानून के इस तरह रोक नहीं लगाई जा सकती।
कर्नाटक सरकार ने भी सोमवार से चरणबद्ध तरीके से शैक्षणिक संस्थानों को खोलने का फैसला किया है इस बीच सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि सोमवार से कर्नाटक में दसवीं क्लास तक के स्कूल खोल दिए जाएंगे। लेकिन अभी भी स्कूलों में किसी तरह के की मजाहबी ड्रेस पहन कर आने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता का भी एक बयान सामने आया जिसमें वह कह रही हैं, “मैं विवाहित हूं और कभी कदर सिंदूर सिंदूर लगाती हूं यह मेरी चॉइस इसी तरह से मुस्कान की चॉइस हिजाब हो सकती है”

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