Hinduism (हिंदू धर्म):
Hinduism (हिंदू धर्म) में आस्था बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ प्रत्येक दिन की पूजा जरूरी और महत्वपूर्ण है। यह धारणा है कि हर रोज पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। साथ ही ऐसा करने से मन शांत होता है। यह भी कहा जाता है कि भगवान की पूजा करते समय उचित एवं उत्तम वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए।
इसके बाद, अगर पूजा के लिए कोई महत्वपूर्ण बात है, तो भगवान को इस स्थान पर पूजा जा सकता है। जैसे मंदिर या भगवान की पूजा के लिए घरों में ही बनाए गए स्थान। यह शुद्ध होना चाहिए, कोई अशुद्ध वस्तु यहाँ नहीं होनी चाहिए।
घर के मंदिर में रोज़ाना परिवार-जन मिलकर पूजा करना और अंत में भगवान को भोग लगाकर सभी को बाँटना सही मानते हैं। हिंदू घरों में पूजा घर को हमेशा साफ और सुगंधित रखने की कोशिश की जाती है। लेकिन लोग इसके अलावा भी कई बातों से अनजान हैं। वे पूजा घर को सजाने के लिए हर तरह की वस्तुओं का प्रयोग करते हैं, जो उनके हिसाब से तो सही हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार अशुभ हैं।
गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित और वास्तुशास्त्री राजा आचार्य ने बताया कि Hinduism (हिंदू धर्म) में परिवारों में अक्सर पूजा घरों में भगवान की मूर्तियों के अलावा कुछ चित्र भी होते हैं। ये तस्वीरें देवी-देवता की भी होती हैं और संत-महात्मा की भी होती हैं, जो उनकी तस्वीर पूजा घर में लगाते हैं। लेकिन कुछ लोग पूजा घर में अपने पूर्वजों या परिजनों की तस्वीर भी लगाते हैं. ऐसा कभी नहीं करना चाहिए।
शास्त्र कहते हैं कि पूजा घर में स्वर्गवासी व्यक्ति की कोई भी वस्तु या तस्वीर नहीं होनी चाहिए। Hinduism (हिंदू धर्म) में शास्त्रों के अनुसार यह अशुभ है, इससे आपकी पूजा बेकार होती है और घर-परिवार पर संकट पैदा होता है। कुछ लोग अपने स्वर्गवासी परिजनों को बहुत प्यार करते हैं, इसलिए मंदिर में उनकी तस्वीर लगाते हैं।
लेकिन वास्तु शास्त्र कहता है कि Hinduism (हिंदू धर्म) में ऐसा नहीं होना चाहिए। मृत लोगों की तस्वीर पूजा घर की दीवारों पर नहीं होनी चाहिए, न अन्य मूर्तियों के साथ। माना जाता है कि ऐसा करने से देवताओं को गुस्सा आता है।
ज्योतिषीय सिद्धांतों के अनुसार Hinduism (हिंदू धर्म) में घर का पूजा स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यदि नहीं तो आप केवल पूर्व या उत्तर दिशा चुन सकते हैं। लेकिन उत्तर-पूर्व दिशा पूजा घर के लिए सबसे अच्छी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन तीन दिशाओं में कभी भी मर चुके व्यक्ति की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
मृत लोगों की तस्वीरें घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही लगानी चाहिए। घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है अगर मृत लोगों की तस्वीर को किसी और स्थान पर लगाया जाए। जो पहले परिवार की भावनाओं को प्रभावित करता है।
अब पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में है, इसलिए यहां मर चुके लोगों की तस्वीर लगाना उचित नहीं है। यह सिर्फ घर वालों के लिए खराब हो सकता है। लेकिन वास्तु शास्त्र और देवी-देवता से जुड़ी मान्यताओं में भी परिवार के सदस्यों की तस्वीर देव-मूर्तियों पर लगाना गलत है।
कुछ लोग अपने माता-पिता को भगवान से भी अधिक प्यार करते हैं, इसलिए वे उनकी पूजा करना शुरू कर देते हैं। उनकी तस्वीर को पूजा घर में रखकर हर बार उनकी पूजा करते हैं, लेकिन ऐसा करने से देवताओं को गुस्सा आता है।
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