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Canva की सफलता की कहानी: सैकड़ों इन्वेस्टर ने इसे छोड़ दिया, आज 98 प्रतिशत दुनिया भर में इस्तेमाल होता है

Canva की सफलता की कहानी

Melanie Perkins की यात्रा: दुनिया में कई ऐसी कहानियां हैं, जिनमें शुरू में सिर्फ निंदा हुई है, लेकिन बाद में दुनिया उनकी मुरीद हुई है। यह कहानी भी समान है..।

अगर आप  social media का उपयोग करते हैं तो आप निश्चित रूप से अपडेट फोटो करते होंगे, या शायद आप इंस्टाग्राम (Instagram) जैसे वेबसाइट (Website) पर रील्स भी अपलोड करते होंगे। सोशल मीडिया (social media)को छोड़कर, आपको तस्वीरें एडिट करनी पड़ी होगी या सीवी को अपडेट करने के लिए ऑनलाइन खोजने की जरूरत पड़ी होगी। यदि आपने इनमें से कुछ भी किया होगा, तो आप निश्चित रूप से Canva का नाम जानते होंगे।

अभी इतनी हो गई यूजर्स की संख्या

आज Canva दुनिया भर में लोकप्रिय है। कैनवा का दावा है कि यह दुनिया के 190 देशों में उपलब्ध है। संयुक्त राष्ट्र ने अभी 193 देशों को मान्यता दी है। साथ ही वेटिकन और फिलीस्तीन को मिलाकर संख्या 195 हो जाती है। इसका मतलब यही हुआ कि Canva का इस्तेमाल आज लगभग 98 प्रतिशत दुनिया में हो रहा है। कैनवा ने कहा कि उसके 6 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं।

कई कामों में Canva मददगार

Canva का यह दावा भी गलत नहीं लगता, क्योंकि हर कोई या तो इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल करता है या अपने आसपास के लोगों को इसका इस्तेमाल करते देखा है। Canva से फोटो एडिट बहुत आसान हो गया है। कैनवा की मदद से आप फोटो एडिट कर सकते हैं, ग्राफिक बना सकते हैं, पोस्टर, बैनर और टेम्लपेट (Template) बना सकते हैं, आदि। इन सब कामों को करने से पहले किसी जानकार की सहायता लेनी पड़ती थी।

यह कहानी भी दिलचस्प है कि कैनवा ने लोगों को घर से लेकर दफ्तर तक हर दिन सहायता दी है। कैनवा की यह सफल कहानी हर किसी को प्रेरणा दे सकती है। कैनवा की इस कहानी में अपेक्षाकृत सफलता से पहले लगातार विफलताएं आती हैं।

3 साल का रिजेक्शन

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के एक ब्लॉग पोस्ट (Blog Post) के अनुसार, Canva को शुरू में एक के बाद एक रिजेक्शन मिल गया। 3 साल में 100 से अधिक निवेशकों ने Canva को सिरे से खारिज कर दिया। मेलानी पर्किन्स, Canva की संस्थापक, ने अपनी कल्पना का साथ नहीं छोड़ा और अंततः सफलता भी मिली। सफलता भी ऐसी है कि आज मेलानी दुनिया में गिने-चुने अमीरों में से एक है, जिन्होंने अपने पैसे खुद बनाए हैं।

जॉब करते-करते आया ख्याल

यह कहानी 2007 में शुरू हुई, जब मेलानी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करते हुए डेस्कटॉप डिजाइन सॉफ्टवेयर सिखाने के लिए पार्ट-टाइम जॉब कर रही थीं। सॉफ्टवेयर महंगा था और जटिल था, जिसकी व्याख्या करने में एक सेमेस्टर लगता था। यहीं से मेलानी को एक ऐसा विकल्प बनाने का विचार आया, जो न सिर्फ हर किसी के लिए उपयुक्त हो, बल्कि इस्तेमाल करने में भी आसान हो और हर किसी को आसानी से समझ में आ जाए। कैनवा शुरू हुआ इस तरह..।

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