Pitru paksha 2024: श्राद्ध कितनी पीढ़ियों तक चलता है? तर्पण में तिल का उपयोग क्यों किया जाता है? श्राद्ध की जरूरी बातें जान लें
Pitru paksha 2024: पितृ पक्ष में कितनी पीढ़ी तक के पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है और तर्पण में तिल का उपयोग करने की वजह क्या है? हमारे लेख में अधिक जानकारी मिलेगी।
Pitru paksha 2024: 17 सितंबर, 2024, पितृ पक्ष की शुरुआत है। 16 दिनों की अवधि में, पितरों को समर्पित, हम अपने पूर्वजों को स्मरण करते हैं और उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण, दान आदि करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, हमारे पितृ इस समय धरती पर आते हैं, इसलिए अगर हम उनकी सेवा करते हैं, तो हम उनका आशीर्वाद पाते हैं। पितृ पक्ष को लेकर भी कई प्रश्न उठते हैं, जैसे, कौन श्राद्ध कर सकता है, कितनी पीढ़ियों तक श्राद्ध किया जा सकता है, तर्पण में तिलों का उपयोग क्यों किया जाता है? अगर आपके दिमाग में भी ऐसे सवाल आते हैं तो आज हम आपको इन्हीं के बारे में अपने इस लेख में जानकारी देंगे।
श्राद्ध कितनी पीढ़ियों तक किया जा सकता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तीन पीढ़ियों तक के पूर्वजों के लिए श्राद्ध किया जाता है। इसे पितृत्रयी भी कहा जाता है। पिता, पितामह (दादा), और परपितामह (परदादा) तीनों पीढ़ियों के पूर्वज हैं। इस परंपरा में पितरों को सम्मान देने के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है। तीन पीढ़ियों तक का श्राद्ध धार्मिक रूप से अनिवार्य माना जाता है, लेकिन कई जगह परिवार के अन्य पूर्वजों और रिश्तेदारों का भी श्राद्ध किया जाता है।
श्राद्ध कौन कर सकता है?
पुत्र, पौत्र, भांजा और भतीजा पिंडदान और तर्पण कर सकते हैं। यदि घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं है, तो दामाद को भी पितृ तर्पण करने का अधिकार है। वहीं आज महिलाएं भी तर्पण करती हैं। पुत्री और बहु के द्वारा कई स्थानों पर पितृ तर्पण किए जाते हैं।
तर्पण में तिल का उपयोग क्यों किया जाता है?
श्राद्ध में आत्माओं को शांति और सुख देने के लिए तिल का उपयोग किया जाता है, जो शुद्ध और पवित्र माना जाता है। तिल का श्राद्ध के दौरान इस्तेमाल करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं, जिससे पितरों की आत्मा शांत होती है और वे खुश होते हैं। हमारे धार्मिक ग्रंथों में तिल को पवित्र अनाज कहा गया है। यही कारण है कि धार्मिक अनुष्ठानों में इसका प्रयोग बहुत लाभदायक होता है। तिल को पितृ पूजा में उपयोग करने की एक और वजह यह है कि इसका उपयोग करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। यही कारण है कि हमारे पूर्वजों की आत्मा को प्रसन्न करने के लिए तिलों का उपयोग पूजा में किया जाना शुभ माना जाता है।