उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून सख्त, डिजिटल माध्यम से धर्म परिवर्तन पर भी होगी सख्त सजा

उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून सख्त, अब डिजिटल माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने पर भी होगी 14 साल तक की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना।

धर्मांतरण कानून सख्त: उत्तराखंड सरकार ने धर्मांतरण को लेकर कानून को पहले से ज्यादा कड़ा बना दिया है। अब यदि कोई व्यक्ति डिजिटल माध्यम—जैसे सोशल मीडिया, वेबसाइट, वीडियो कॉल या मैसेजिंग ऐप्स के जरिये—धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास करता है, तो उसे सख्त सजा भुगतनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार ने मंगलवार को उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2025 को विधानसभा में पेश किया।

डिजिटल धर्मांतरण भी अब अपराध की श्रेणी में

वर्तमान समय में धर्म परिवर्तन के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का तेजी से उपयोग हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विधेयक में डिजिटल माध्यम से कराए गए धर्मांतरण को भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल किया है। इससे पहले के कानून में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी।

Also Read: उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र में कांग्रेस का हंगामा,…

जानिए नए कानून में क्या-क्या बदलाव हुए:

किन गतिविधियों को माना जाएगा अपराध?

संशोधित कानून में निम्नलिखित गतिविधियों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने वाले अपराध माना जाएगा:

सरकार का रुख

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, “राज्य में जबरन, प्रलोभन या धोखे से धर्मांतरण की घटनाएं चिंताजनक हैं। यह संशोधित कानून लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और अवैध गतिविधियों को रोकने में प्रभावी भूमिका निभाएगा।”

For English News: http://newz24india.in

Visit WhatsApp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029Vb4ZuKSLSmbVWNb1sx1x

Exit mobile version