Jitiya Vrat में इन तीन नियमों का पालन करना अनिवार्य है, एक दिन नहीं बल्कि तीन दिनों तक; अन्यथा पूजा पूरी नहीं होगी।
Jitiya Vrat : जिन लोगों को संतान नहीं हो रही है, उनके लिए भी ये व्रत रखना फायदेमंद होता है।
Jitiya Vrat : माताएं हर साल जितिया का व्रत रखती हैं ताकि उनके बच्चे लंबे समय तक जीवित रहें। ये व्रत बहुत मुश्किल हैं क्योंकि उनके नियमों का पालन एक या दो नहीं, बल्कि लगातार तीन दिनों तक करना होता है। चलिए जितिया व्रत के महत्वपूर्ण नियमों को विस्तार से जानते हैं।
Jitiya Vrat : हिंदू धर्म में हरतालिका तीज और करवा चौथ व्रत उतना ही महत्वपूर्ण हैं। जीवित्पुत्रिका यानी जितिया व्रत भी बहुत लोकप्रिय है। जितिया का व्रत रखने वाली माताएं अपने बच्चों को लंबी आयु तक जीवित रखती हैं और अच्छे स्वास्थ्य से रहती हैं। जिन लोगों को संतान नहीं हो रही है, उनके लिए भी ये व्रत रखना फायदेमंद होता है। जितिया व्रत बहुत मुश्किल है क्योंकि व्रत के दिन खाने और पीने की मनाही है। इस व्रत के नियमों को एक या दो नहीं बल्कि लगातार तीन दिनों तक पालन करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो पूजा का पूरा लाभ नहीं मिलता। चलिए जानते हैं 2024 में जितिया का व्रत कब रखा जाएगा और इसके महत्वपूर्ण नियमों के बारे में।
जितिया व्रत कब किया जाता है?
आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 25 सितंबर 2024 को होगी, जितिया का व्रत इसी दिन रखा जाएगा। पवित्र दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:41 से दोपहर 12 बजे तक है।
नहाय-खाय की पूजा, जो इस बार 24 सितंबर 2024 को की जाएगी, जितिया व्रत से एक दिन पहले होती है। इस दिन स्नान और अन्य क्रियाओं के बाद देवताओं की पूजा करें। दिन में केवल एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए।
जितिया का व्रत निर्जला होता है, इसलिए आप इस दिन खाने के साथ-साथ पानी भी नहीं पी सकते। यदि आपने ये व्रत रखना शुरू किया है, तो हर साल ऐसा करना अनिवार्य है। तपस्या करने का निश्चय करने के बाद उसे बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। आप पाप लग सकते हैं। इस दिन स्नान करने के बाद, विधि-विधान से गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन की मूर्ति की पूजा करें। चील और सियार की गाय के गोबर से एक मूर्ति बनाकर इसे पूजा करें। पूजा करने के बाद व्रत करने का निश्चय करें। शाम को व्रत की कथा सुनना चाहिए।
जितिया व्रत का पारण अगले दिन, यानी 26 सितंबर 2024 को पूजा जाएगी. इसका शुभ मुहूर्त प्रातः 04:35 से 05:23 तक होगा। इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके सूर्य देव को पूजें। जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें। रागी की रोटी, तोरई की सब्जी, चावल और नोनी का साग खाकर व्रत का पारण करना चाहिए। इस दिन तामस खाने से भी बचना चाहिए।
इन तीन दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है। गलती से भी संबंध न बनाएं और गलत और गंदे विचारों को मन में आने नहीं दें। इस अवधि में व्रत रखने वाली महिला को बिस्तर पर बैठना या सोना भी नहीं चाहिए। भूमि पर ही दरी डालकर विश्राम करना शुभ है।