JITIYA VRAT : 24 या 25 सितंबर को जितिया व्रत कब मनाया जाएगा? जानें जीवित्पुत्रिका व्रत की तिथि, मुहूर्त और महत्व

JITIYA VRAT : हिंदू धर्म में जितिया व्रत बहुत महत्वपूर्ण है।

JITIYA VRAT  : हिंदू पंचांग के अनुसार, जीवित्पुत्रिका व्रत हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस व्रत का उद्देश्य संतान की रक्षा करना है। जितिया व्रत भी इसका नाम है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं, जो उनकी संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। माना जाता है कि माताएं निर्जला व्रत रखकर भगवान जीमूतवाहन की विधिवत पूजा करती हैं। इसके साथ ही सूर्य देव को श्रद्धांजलि दी जाती है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में ये पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हर कोई इस बार अष्टमी तिथि दो दिन होने के कारण जितिया व्रत की सही तिथि को नहीं जानता है। आइए जानें जितिया व्रत की तिथि, मुहूर्त और महत्व..।

कब जीवित्पुत्रिका व्रत है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी और 25 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 25 सितंबर 2024 को जितिया का व्रत रखा जाएगा।

JITIYA VRAT  का चौघड़िया शुभ मुहूर्त शाम 04 बजे 43 मिनट से 06 बजे 13 मिनट तक रहेगा।
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:35 से 5:22 तक चलता है।
अमृत काल 12:11 PM से 01:49 PM तक चलता है।
प्रातःकाल सुबह चार बजे से छह बजे तक
विजयी मुहूर्त दोपहर 02:12 बजे से 03:00 बजे तक चलेगा।
गोधूलि मुहूर्त शाम 06:13 से 06:37 बजे तक चलता है।
सायाह्न संध्या 06:13 बजे से शाम 07:25 बजे तक

जितिया व्रत 2024 का महत्व: जितिया व्रत को बहुत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं, जो उनकी संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। वह निर्जला व्रत पूरे दिन और पूरी रात रखने के बाद अपना व्रत खोलती है। इस व्रत के महत्व को भविष्य पुराण में विस्तार से बताया गया है।

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सटीक या विश्वसनीय नहीं है। आप ये जानकारी ज्योतिषियों, पंचांगों, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से प्राप्त की है। हमारा लक्ष्य सिर्फ सूचना देना है। इसे सही और सिद्ध नहीं कर सकते। किसी भी प्रकार का इस्तेमाल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

 

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