कार्तिक पूर्णिमा 2025: राहु-केतु और शनि के दुष्प्रभाव दूर करने के लिए विशेष उपाय जानें। शिव पूजा, दीपदान और हनुमान चालीसा से लाभ पाएं।
साल 2025 में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे विशेष रूप से राहु, केतु और शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन किए जाने वाले उपायों से जीवन में आने वाली परेशानियों और बाधाओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय:
भगवान शिव की पूजा: कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत फलदायक होता है। शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें। शनि देव भगवान शिव के परम भक्त माने जाते हैं, इसलिए उनकी पूजा से शनि और राहु-केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जप: इस दिन 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करने से जीवन की कई कठिनाइयाँ दूर होती हैं और मन में शांति का अनुभव होता है।
छाया दान: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सरसों का तेल किसी पात्र में रखकर किसी शनि मंदिर में अर्पित करें। इससे साढ़ेसाती और ढैय्या का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और राहु-केतु शुभ परिणाम देने लगते हैं।
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हनुमान चालीसा का पाठ: हनुमान जी के भक्तों पर शनि देव विशेष कृपा करते हैं। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान जी की पूजा करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
राहु की महादशा में विशेष उपाय: अगर आप राहु की महादशा से प्रभावित हैं, तो इस दिन बिल्लियों को दूध, रोटी आदि खिलाना लाभकारी माना जाता है। यह उपाय राहु की प्रतिकूलता को कम करने में मदद करता है।
दीपदान: कार्तिक पूर्णिमा की शाम को किसी मंदिर, तालाब या नदी में दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव दूर होते हैं।
कौए को रोटी खिलाना: इस दिन कौए को रोटी खिलाना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसे करने से राहु-केतु और शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है।
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