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खाटूश्याम मेला 2022: उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, किए बाबा के दर्शन

खाटूश्याम बाबा मंदिर में लक्खी मेला रविवार से शुरू हो गया है। 15 मार्च तक तक चलने वाले मेले में देशभर के श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। वहीं, प्रबंधन कमेटी का मानना है कि इस बार लगभग दो लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने पहुंचे हैं।

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्याम बाबा मंदिर में लक्खी मेला रविवार से शुरू हुआ है। 15 मार्च तक तक चलने वाले मेले में देशभर के श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। मेला प्रबंधन कमेटी का मानना है कि रविवार को डेढ़ से दो लाख लोग मंदिर में दर्शन करने पहुंचे हैं।

मेले में राजस्थान के विभिन्न जिलों के अतिरिक्त हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात से बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। इनमें कई भक्त ऐसे हैं, जो पूरे मेले के दौरान खाटू में ही रहकर भक्तों की सेवा करेंगे। इनमें से कई होली के बाद ही वापस लौटेंगे। वहीं, कई भक्त दो से तीन दिन रुककर बाबा श्याम की आराधना करेंगे।

देशभर से पहुंचे श्रद्धालु
राजस्थान रोडवेज ने जयपुर, बीकानेर, जोधपुर और अजमेर से अतिरिक्त बसों का संचालन शुरू किया है। रेलवे ने भी अतिरिक्त ट्रेन संचालित की हैं। मंदिर परिसर के आसपास सूरत, हरियाणा, दिल्ली और कोलकाता के भक्तों की धर्मशालाएं बनी हुई हैं। इन धर्मशालाओं में रविवार को एक भी कमरा खाली नहीं है।

कोरोना को लेकर बरती जा रही हैं सांवधानियां
कोरोना महामारी के कारण दो साल से मेला नहीं लग पाया था। ऐसे में बड़ी संख्या में देशभर से बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। पिछले दो साल से कोरोना के कारण भंडारे लगाने की अनुमति नहीं मिल रही थी, लेकिन इस बार गाइडलाइन में छूट देते हुए मेले से पहले भंडारे लगाने की अनुमति दे दी है। मंदिर कमेटी ने मेले की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पहले ही सुरक्षाकर्मी लगा दिए हैं।

मेले के लिए अतिरिक्त बसें और ट्रेनें
आयोजकों का अनुमान है कि प्रतिवर्ष लगने वाले मेले में करीब 25 लाख लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। कोरोना महामारी के कारण दो साल से मेला नहीं लग पा रहा था। मेले में आने वाले लोगों के लिए राजस्थान रोडवेज ने अतिरिक्त बसें संचालित की हैं। इन बसों का संचालन शनिवार से शुरू हो गया। रेलवे ने मेले के दौरान चार विशेष ट्रेन संचालित करने का निर्णय लिया है। यह ट्रेन दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से प्रतिदिन संचालित हो रही हैं। खाटूश्याम मंदिर से पहले रींगस मोड़ से लोग पदयात्रा प्रारंभ करते हैं। रींगस से करीब 18 किलोमीटर दूर मंदिर है।

 

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