1. मासिक धर्म (Menstruation)
यह फेज फर्टिलिटी साइकिल की शुरुआत को दर्शाता है। इसमें 3-7 दिनों तक योनि से रक्तस्राव होता है। इस समय पेट में दर्द, थकान और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं आम होती हैं। हर महिला का अनुभव अलग हो सकता है।
2. फॉलिक्युलर फेज (Follicular Phase)
मासिक धर्म के बाद यह फेज शुरू होता है। इस दौरान अंडाशय (ovary) में अंडा बनना शुरू होता है और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) का स्तर बढ़ता है। अंडा धीरे-धीरे परिपक्व होने लगता है।
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3. ओव्यूलेशन फेज (Ovulation Phase)
फर्टिलिटी साइकिल का सबसे अहम और फर्टाइल चरण यही होता है। इस फेज में अंडाशय से एक परिपक्व अंडा निकलता है, जो 12 से 24 घंटों तक जीवित रहता है। यदि इस समय सेक्स होता है, तो गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक होती है। इस फेज को ट्रैक करने के लिए ओव्यूलेशन किट का प्रयोग किया जा सकता है।
4. ल्यूटियल फेज (Luteal Phase)
यह चरण ओव्यूलेशन के बाद आता है, जिसमें शरीर गर्भधारण के लिए खुद को तैयार करता है। अगर फर्टिलाइज़ेशन नहीं होता है, तो यह फेज मासिक धर्म के साथ खत्म हो जाता है। इस दौरान शरीर में प्रोजेस्ट्रोन का स्तर ऊँचा होता है।
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