जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा जानिए: वास्तु के अनुसार पूजा विधि

जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में रखें। जानिए कैसे सजाएं झूला और करें विधिपूर्वक पूजा।

जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान कृष्ण की पूजा का खास महत्व होता है। इस दिन भक्त विशेष रूप से लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा का विशेष ध्यान रखते हैं ताकि पूजा शुभ और फलदायक हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार, जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल और झूला की दिशा का सही चुनाव करना बहुत जरूरी है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा?

वास्तु के अनुसार जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में होनी चाहिए। यह दिशा सबसे शुभ मानी जाती है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाती है। झूले को इस तरह रखें कि लड्डू गोपाल का मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो। दक्षिण-पूर्व दिशा भी पूजा के लिए अनुकूल होती है, लेकिन सबसे बेहतर विकल्प उत्तर-पूर्व दिशा है।

झूला सजावट और दिशा का महत्व

लकड़ी का झूला सबसे शुभ माना जाता है, इसलिए जब आप लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा चुनें तो लकड़ी के झूले को प्राथमिकता दें। यदि लकड़ी का झूला न हो तो स्टील या लोहे का झूला भी रख सकते हैं। झूला हमेशा ऊंचे स्थान पर रखें ताकि पूजा स्थल स्वच्छ और सम्मानित लगे।

जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा का सही पालन कैसे करें?

जन्माष्टमी पर दिन में चार बार लड्डू गोपाल को झूला झुलाना चाहिए और उनके लिए भोग भी लगाना चाहिए। झूले को फूलों और लाल मखमल के कपड़े से सजाना शुभ होता है। इस प्रकार लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा का सही चयन और सजावट आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि लेकर आती है।

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