ललिता सप्तमी 2025: नवविवाहित जोड़ों के लिए विशेष व्रत, जानें इसकी महिमा और पूजा विधि

ललिता सप्तमी 2025 का व्रत 30 अगस्त को मनाया जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से नवविवाहित जोड़ों के लिए शुभ माना जाता है। जानें इस व्रत की पूजा विधि, महिमा और राधा अष्टमी से इसका खास संबंध।

ललिता सप्तमी 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ललिता सप्तमी का व्रत धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व राधा अष्टमी से एक दिन पहले पड़ता है। इस वर्ष ललिता सप्तमी 30 अगस्त 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। यह दिन देवी ललिता की उपासना के साथ-साथ नवविवाहित जोड़ों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

ललिता सप्तमी का धार्मिक महत्व

ललिता सप्तमी 2025 का व्रत देवी ललिता को समर्पित है, जो राधा-कृष्ण की प्रिय सखी मानी जाती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में शांति, प्रेम और समृद्धि आती है। नवविवाहित जोड़ों के लिए यह व्रत विशेष रूप से फलदायक होता है क्योंकि इससे वैवाहिक जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास मजबूत होता है।

पुराणों में देवी ललिता को शक्ति स्वरूपा माना गया है। उनका पूजन करने से परिवार में सुख-समृद्धि, संतान सुख और वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है। इसलिए यह व्रत नए दंपत्तियों के लिए वरदान समान है।

ललिता सप्तमी 2025 की पूजा विधि

ललिता सप्तमी और राधा अष्टमी का संबंध

ललिता सप्तमी राधा अष्टमी से एक दिन पहले आती है। इस दिन देवी ललिता का पूजन कर भक्त राधा अष्टमी की तैयारी करते हैं। यह दोनों पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से जुड़े हैं, बल्कि आपसी प्रेम और विश्वास को भी मजबूत करते हैं। नवविवाहित जोड़ों के लिए यह व्रत आपसी समझ और स्नेह बढ़ाने का अवसर देता है, जिससे उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल और सौभाग्यशाली बनता है।

ललिता सप्तमी 2025 तारीख और समय

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