Lord Shiva: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव इससे बहुत प्रसन्न होंगे।
Lord Shiva के लिए सावन का महीना और दोनों पक्षों की त्रयोदशी का दिन बहुत शुभ हैं। हिंदी में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। त्रयोदशी के दिन Lord Shiva के नाम से व्रत भी रखा जाता है, और प्रदोष काल में उनकी पूजा पूरी तरह से की जाती है। वैशाख शुक्ल पक्ष की तिथि त्रयोदशी भी बहुत खास है। इस दिन भगवान शिव को कैसे पूजा करना चाहिए, जिससे वह बहुत प्रसन्न हो जाएगा? हम देवघर बैद्यनाथ मंदिर के प्रसिद्ध तीर्थ पुरोहित और ज्योतिषाचार्य से बात करते हैं।
ज्योतिषाचार्य और देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थपुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने बताया कि 20 मई को वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन व्रत रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है, लेकिन विधिपूर्वक करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, भगवान शिव को अपने मनपसंद मंत्र का जाप करके पूजा करने से सभी दुःख दूर हो जाएंगे।
प्रदोष व्रत के दिन इस तरह पूजा करें
प्रदोष व्रत के दिन Lord Shiva की पूजा करने के लिए विधि विधान की आवश्यकता होती है। प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त होते ही पँचोउपचार विधि से Lord Shiva की पूजा करनी चाहिए। इस पँचोउपचार विधि में चन्दन, फूल, बेलपत्र, नवेदय और जल चाहिए। भगवान शिव की पूजा करते समय रुद्राक्ष की माला भी धारण करनी चाहिए। इस तरह की पूजा करने से भगवान शिव आपके सारे दुःख दूर कर देंगे और आपकी हर इच्छा पूरी होगी।
इस दिन वैसाख मास की शुक्ल पक्ष की तिथि है
वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को दोपहर 3 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 21 मई को दोपहर 4 बजकर 37 मिनट में समाप्त होगी। प्रदोष व्रत 20 मई को ही रखा जाएगा क्योंकि उदया तिथि नहीं मानी जाती है।