Mahashivratri 2024: शिवजी सर्प की माला क्यों पहनते हैं? शिवजी के गले में जो सांप है, उसका क्या नाम है?

Mahashivratri 2024

Mahashivratri 2024: भगवान शिव का रूप विचित्र, आकर्षक और रहस्यमय है। Shiva हमेशा माला की तरह गले में सांप डालते हैं।

पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। 08 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि है। मां पार्वती और भगवान शिव के विवाह के उपलक्ष्य में महाशिवरात्रि का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिव और मां पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था।

Mahashivratri 2024: शिवजी का अद्भुत, आकर्षक, विचित्र और रहस्यमय रूप है। पार्वती भी विवाह के दिन शिवजी का विख्यात रूप और अनोखा बाराती देखकर दंग रह गईं। Shiva बाघ की छाल, शरीर में भस्म, जटा में गंगा, माथे पर चंद्रमा और गले में नाग पहनते हैं। लेकिन इन चीजों को पहनने के पीछे कई रहस्य भी हैं। क्या आप जानते हैं कि शिव ने गले में नाग क्यों लगाया और इसका नाम क्या है? इसे जानें-

गले में सांप क्यों धारण करते हैं शिव (Why Lord Shiva wear Snake his Neck)

Mahashivratri 2024: शिवजी के गले में नाग रखना बताता है कि शिवजी की महिमा नागों पर भी है। शिव भगवान भी मनुष्यों और नाग-नागिन के आराध्य देव हैं, जिन्हें नाग-नागिन भी अपना भगवान मानते हैं। यही कारण है कि शिव जी हमेशा अपने गले में रुद्राक्ष की माला के साथ सांप भी धारण करते हैं। शिवजी के गले में जो सांप लिपटा है, उसका नाम जानिए।

शिवजी के गले में है वासुकी नाग (Vasuki Nag)

Mahashivratri 2024: शिव का गले में सांप वासुकी नाग कहलाता है। नागराज वासुकी भगवान शिव का आदर करते थे और उनकी पूजा करते थे। पौराणिक कहानी कहती है कि समुद्र मंथन के दौरान नागराज वासुकी ने रस्सी बनाई, जिससे सागर मथा गया। घर्षण के दौरान वासुकी ने खून बहाया। इस तरह, वासुकी की भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी ने उसे नागलोक का राजा बनाया और उसे अपने गले में लिपटे रहने का वरदान दिया।

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वासुकी कैसे बने शिव के सेवक

हिमालय नागकुल का सबसे बड़ा हिस्सा था। शिव ने नागवंशियों से भी बहुत प्यार किया। प्रारंभ में पांच नागों के कुल थे: शेषनाग, वासुकी, तक्षक, पिंगला और कर्कोटक। इन पांच वर्गों के नागों को देवताओं की श्रेणी में रखा गया था। शेषनाग, जिसे अनंत नाम से भी जाना जाता है, नागों का पहला राजा माना जाता है। आगे चलकर, शेषनाग ने वासुकी को नागों का राजा बनाया, जो शिव भगवान के सेवक भी बन गए। वासुकी के बाद राज्य को तक्षक और पिंगला ने संभाला।

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