मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 कब है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि जानें। इस दिन पितरों की पूजा और भगवान विष्णु का पूजन करने से मिलता है सुख, शांति और समृद्धि।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 पर पितरों की पूजा और भगवान विष्णु का पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए पूजा-पाठ से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और पितृ प्रसन्नता बनी रहती है। आइए जानते हैं इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या कब पड़ रही है और पूजा का सही समय व विधि।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की अमावस्या 9 नवंबर 2025 की सुबह 9:43 बजे शुरू होगी और 20 नवंबर दोपहर 12:16 बजे तक रहेगी। इस हिसाब से उदय तिथि के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर, 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी।
also read:- कालभैरव जयंती 2025: 11 या 12 नवंबर, जानें सही तिथि, पूजा विधि और महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 शुभ मुहूर्त (Margashirsha Amavasya 2025 Puja Muhurat)
सूर्योदय: सुबह 06:48 बजे
पितरों की पूजा का समय: सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
विष्णु जी पूजा का समय: सुबह 05:01 बजे से सुबह 05:54 बजे तक
राहुकाल: दोपहर 01:26 बजे से दोपहर 02:46 बजे तक
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 पूजा विधि (Puja Vidhi)
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। सूर्य देव को जल अर्पित करें और मंत्रों का जाप करें। घर में मंदिर में पीले कपड़े पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और देसी घी का दीपक जलाएं।
पूजा में जल, फल, फूल, अक्षत, चंदन, वस्त्र और मिठाई अर्पित करें। विष्णु मंत्रों का जाप करें और विष्णु चालीसा का पाठ करें। उनकी आरती अवश्य करें। साथ ही पितरों का तर्पण करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए दान-धर्म करें। पशु-पक्षियों को भोजन कराना और गरीबों को दान देना भी अत्यंत पुण्य का कार्य माना जाता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन किए गए यह सभी उपाय परिवार में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि बनाए रखने में सहायक होते हैं। पितरों की पूजा और भगवान विष्णु की आराधना से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
Visit WhatsApp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029Vb4ZuKSLSmbVWNb1sx1x
