दिल्ली के मरघट वाले बाबा का मंदिर, इतिहास और विशेषता जानें

मरघट वाले बाबा का मंदिर

2024 में 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। दिल्ली का मरघट वाले बाबा का मंदिर इस खास अवसर पर पढ़ें क्यों प्रसिद्ध है।

2024 में हनुमान जयंती 23 अप्रैल, मंगलवार को मनाई जाएगी। हनुमान जयंती और मंगलवार एक अद्भुत संयोग हैं।

Delhi का Marghat Wale Baba मंदिर हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

यह हनुमान जी का मंदिर है, जिसे मरघट वाले बाबा भी कहते हैं।

यह मंदिर दिल्ली के यमुना बाजार में है, जहां हर मंगलवार और शनिवार को हजारों लोग आते हैं।

क्यों कहते हैं इस मंदिर को मरघट वाले बाबा का मंदिर? (Kyu Kehte Hain Isse Marghat Wale Baba Ka Mandir?)

ऐसा कहा जाता है कि रामायण के दौरान, जब हनुमान जी लक्ष्मण जी को संजीवनी बूटी देने के लिए ले जा रहे थे, वे इसी स्थान पर विश्राम करने के लिए रुके थे।

तब हनुमान जी ने यहाँ विश्राम करते हुए युमाना नदी को देखा।

इस स्थान पर शमशान घाट है।

हनुमान जी के आने पर शमशान में बुरी आत्माएं रोईं।

इस स्थान पर शमशान होने के कारण मंदिर को मरघट वाले बाबा के नाम से जाना जाता है।

तब यमुना ने हनुमान जी को बताया कि वे हर साल उनके दर्शन करने आएंगे।

इसके बाद से इसे मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर कहा गया।

राम नवमी के छह दिन बाद हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?

यह मंदिर यमुना नदी के किनारे है। हनुमान जी की मूर्ति मंदिर में जमीन से 7 से 8 फीट नीचे है।

इस प्रसिद्ध मंदिर को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। माना जाता है कि मरघट वाले बाबा इस स्थान से हर किसी की नैय्या पार लगाते हैं।

हनुमान जयंती पर लोग इस प्रसिद्ध मंदिर में आते हैं।

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