Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर इन मंत्रों का जाप करें, धन की प्राप्ति होगी!

Masik Shivratri 2025 Mein Kab Hai: हिंंदू धर्म में भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है।

Masik Shivratri 2025 March Date: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि बहुत पावन दिन है। मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान भोलेनाथ को मासिक शिवरात्रि का दिन समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत की जाती है। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव का व्रत और पूजन करने से शादीशुदा जीवन खुश रहता है।

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि पर व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। घर में उनके आशीर्वाद से सुख-समृद्धि और शांति कायम रहती है। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का व्रत और पूजन करना और उनके मंत्रों का जाप करना बहुत फायदेमंद होता है। इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से धन मिलता है।

मासिक शिवरात्रि कब है?

हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 मार्च को देर रात 11 बजकर 3 मिनट पर शुरू हो रही है. इस कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की समाप्ति अगले दिन 28 मार्च को शाम 7 बजकर 55 मिनट पर हो जाएगी। ऐसे में 27 मार्च को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इसी दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत और शिव जी का पूजन किया जाएगा।

इन मंत्रों का भी करें जाप

ॐ महाकाल नमः

ॐ रुद्रनाथ नमः

ॐ भीमशंकर नमः

ॐ नटराज नमः

ॐ प्रलेयन्कार नमः

ॐ चंद्रमोली नमः

ॐ डमरूधारी नमः

ॐ चंद्रधारी नमः

ॐ भोलेनाथ नमः

ॐ कैलाश पति नमः

ॐ भूतनाथ नमः

ॐ नंदराज नमः

ॐ नन्दी की सवारी नमः

ॐ ज्योतिलिंग नमः

ॐ मलिकार्जुन नमः

ॐ भीमेश्वर नमः

ॐ विषधारी नमः

ॐ बम भोले नमः

ॐ विश्वनाथ नमः

ॐ अनादिदेव नमः

ॐ उमापति नमः

ॐ गोरापति नमः

ॐ गणपिता नमः

ॐ ओंकार स्वामी नमः

ॐ ओंकारेश्वर नमः

ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः

ॐ भोले बाबा नमः

ॐ शिवजी नमः

ॐ शम्भु नमः

ॐ नीलकंठ नमः

ॐ महाकालेश्वर नमः

ॐ त्रिपुरारी नमः

ॐ त्रिलोकनाथ नमः

ॐ त्रिनेत्रधारी नमः

ॐ बर्फानी बाबा नमः

ॐ लंकेश्वर नमः

ॐ अमरनाथ नमः

ॐ केदारनाथ नमः

ॐ मंगलेश्वर नमः

ॐ अर्धनारीश्वर नमः

ॐ नागार्जुन नमः

ॐ जटाधारी नमः

ॐ नीलेश्वर नमः

ॐ जगतपिता नमः

ॐ मृत्युन्जन नमः

ॐ नागधारी नमः

ॐ रामेश्वर नमः

ॐ गलसर्पमाला नमः

ॐ दीनानाथ नमः

ॐ सोमनाथ नमः

ॐ जोगी नमः

ॐ भंडारी बाबा नमः

ॐ बमलेहरी नमः

ॐ गोरीशंकर नमः

ॐ शिवाकांत नमः

ॐ महेश्वराए नमः

ॐ महेश नमः

ॐ संकटहारी नमः

ॐ महेश्वर नमः

ॐ रुंडमालाधारी नमः

ॐ जगपालनकर्ता नमः

ॐ पशुपति नमः

ॐ संगमेश्वर नमः

ॐ दक्षेश्वर नमः

ॐ घ्रेनश्वर नमः

ॐ मणिमहेश नमः

ॐ अनादी नमः

ॐ अमर नमः

ॐ आशुतोष महाराज नमः

ॐ विलवकेश्वर नमः

ॐ अचलेश्वर नमः

ॐ ओलोकानाथ नमः

ॐ आदिनाथ नमः

ॐ देवदेवेश्वर नमः

ॐ प्राणनाथ नमः

ॐ शिवम् नमः

ॐ महादानी नमः

ॐ शिवदानी नमः

ॐ अभयंकर नमः

ॐ पातालेश्वर नमः

ॐ धूधेश्वर नमः

ॐ सर्पधारी नमः

ॐ त्रिलोकिनरेश नमः

ॐ हठ योगी नमः

ॐ विश्लेश्वर नमः

ॐ नागाधिराज नमः

ॐ सर्वेश्वर नमः

ॐ उमाकांत नमः

ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः

ॐ त्रिकालदर्शी नमः

ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः

ॐ महादेव नमः

ॐ गढ़शंकर नमः

ॐ मुक्तेश्वर नमः

ॐ नटेषर नमः

ॐ गिरजापति नमः

ॐ भद्रेश्वर नमः

ॐ त्रिपुनाशक नमः

ॐ निर्जेश्वर नमः

ॐ किरातेश्वर नमः

ॐ जागेश्वर नमः

ॐ अबधूतपति नमः

ॐ भीलपति नमः

ॐ जितनाथ नमः

ॐ वृषेश्वर नमः

ॐ भूतेश्वर नमः

ॐ बैजूनाथ नमः

ॐ नागेश्वर नमः

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