पंजाब सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण और रोजगार के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री मोहिंदर भगत ने PESCO को मज़बूत करने के निर्देश दिए।
मंत्री मोहिंदर भगत: पंजाब सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में पूर्व सैनिकों के सम्मान और पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। पंजाब के रक्षा सेवा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार पूर्व सैनिकों की आर्थिक स्थिरता और सम्मानजनक पुनर्नियुक्ति को सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
पेस्को (PESCO) को मज़बूत करने के निर्देश
पंजाब सिविल सचिवालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री मोहिंदर भगत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंजाब पूर्व सैनिक निगम (PESCO) की कार्यक्षमता और प्रभाव को बढ़ाया जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह संस्थान पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने में एक केंद्रीय भूमिका निभा सकता है।
प्रगति और कार्य प्रदर्शन रिपोर्ट हुई प्रस्तुत
बैठक के दौरान, पेस्को के प्रबंध निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) हरमनदीप सिंह और महाप्रबंधक (सुरक्षा) एसपी सिंह ने मंत्री को निगम की गतिविधियों, योजनाओं और वित्तीय स्थिति की जानकारी दी।
उन्होंने तीन महीने की कार्य-निष्पादन रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें निम्नलिखित मुख्य बिंदु शामिल थे:
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सुरक्षा गार्डों के वेतन ढांचे में सुधार
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विशेष श्रेणियों के तहत वेतन संशोधन के प्रस्ताव
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पूर्व सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता
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पूर्व सैनिकों की पुनर्नियुक्ति की आयु सीमा 65 वर्ष तक बढ़ाने का प्रस्ताव
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पूर्व सैनिकों के सम्मान की सुरक्षा में सरकार पूरी तरह समर्पित
मंत्री मोहिंदर भगत ने दोहराया कि पंजाब सरकार पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि सभी योजनाओं और लाभों का सटीक और समय पर क्रियान्वयन हो, ताकि पूर्व सैनिकों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।
रोज़गार के नए अवसरों पर विशेष फोकस
राज्य सरकार का विशेष ज़ोर इस बात पर है कि पूर्व सैनिकों को सरकारी व निजी क्षेत्रों में उपयुक्त रोजगार अवसर उपलब्ध कराए जाएं। मंत्री मोहिंदर भगत ने अधिकारियों से कहा कि वे नई नीतियों और साझेदारियों के माध्यम से अधिकाधिक पूर्व सैनिकों को सुरक्षा, प्रशासनिक और तकनीकी सेवाओं में जोड़ा जाए।
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