मिशन 2027: पश्चिमी यूपी में आरएसएस ने संभाली कमान, प्रचारकों के कार्यक्षेत्र में बड़ा बदलाव

मिशन 2027: आरएसएस ने पश्चिमी यूपी के 10 जिलों में प्रचारकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव कर 2027 यूपी चुनाव के लिए भाजपा को मजबूती देने की रणनीति बनाई। देखें पूरी सूची।

उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी रणनीतिक तैयारियां तेज कर दी हैं। इस कड़ी में संघ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 10 से अधिक जिलों में प्रचारकों के कार्यक्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं। इसे संघ की “मिशन 2027” रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य है भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सामाजिक और राजनीतिक पकड़ को और मजबूत करना।

प्रचारकों की जिम्मेदारियों में व्यापक फेरबदल

सूत्रों के अनुसार, आरएसएस ने विभिन्न जिलों में नए प्रचारकों की नियुक्ति कर दी है, जिनमें शामिल हैं:

यह बदलाव न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाले चुनावी समर में संगठन की जमीनी पकड़ और जनसंपर्क अभियान को गति देने का कार्य करेगा।

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क्यों ज़रूरी है पश्चिमी यूपी में ये बदलाव? (मिशन 2027)

पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जाट और मुस्लिम बहुल इलाका है, जहां राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का अच्छा प्रभाव रहा है। हालांकि जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने से समीकरण बदले हैं, लेकिन RSS अब खुद इस क्षेत्र में गहराई से काम करना चाहता है।

संघ का उद्देश्य है कि प्रचारकों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को संगठन से जोड़ा जाए और बीजेपी के लिए एक मजबूत वोट बैंक तैयार किया जाए।

संघ की रणनीति: जमीनी स्तर पर पकड़ मज़बूत करना

आरएसएस समय-समय पर सामाजिक समरसता, शिक्षा, सेवा और सांस्कृतिक विषयों पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच पहुंच बनाता रहा है। इन प्रचारकों को दिए गए नए जिलों में:

जैसी ज़िम्मेदारियाँ दी जाएंगी। संघ चाहता है कि ये प्रचारक हर वर्ग और समुदाय तक अपनी बात पहुंचाएं और लोगों का विश्वास जीतें।

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