पंजाब सरकार का ‘मिशन चढ़दी कला’ बना सामाजिक ज़िम्मेदारी का नया प्रतीक: उद्योगपति से खिलाड़ी तक सबने दिया योगदान

पंजाब सरकार का मिशन चढ़दी कला बना सामाजिक ज़िम्मेदारी और जनसहयोग का प्रतीक। उद्योगपति, अभिनेता, खिलाड़ी और प्रवासी पंजाबी मिलकर पंजाब की तरक्की में निभा रहे हैं अहम भूमिका।

पंजाब सरकार के मिशन चढ़दी कला ने समाज के हर वर्ग को जोड़ने का काम किया है। इस मुहीम के तहत देश और विदेश के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बड़ी संख्या में मदद कर रहे है। सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली ने आम जनता से लेकर उद्योगपतियों, फिल्म कलाकारों और प्रवासी पंजाबी समुदाय तक को भरोसा दिलाया है कि उनका हर योगदान सीधे जनता के काम आ रहा है।

प्रख्यात उद्योगपति और समाजसेवी डॉ. विक्रमजीत साहनी ने इस मुहीम में सबसे विशिष्ट योगदान दिया है। उन्होंने न केवल 1 करोड़ की राहत राशि दान की बल्कि 1000 से अधिक डिसइंजेक्शन मशीनें और राहत सामग्री भी उपलब्ध करवाई। सहनी पहले भी प्रवासी पंजाबी नेटवर्क के जरिए गरीब छात्रों को शिक्षा स्कॉलरशिप, महिलाओं को स्वरोज़गार और कोविड-19 संकट के दौरान ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर भेजने के लिए चर्चित रहे है। इस बार उनका योगदान संदेश देता है कि तकनीक और संसाधन का सही उपयोग पंजाब के भविष्य को सँवार सकता है।

फिल्म अभिनेता सोनू सूद, जिन्होंने कोविड काल में लाखों ज़रूरतमंदों के लिए मुफ्त परिवहन, दवाइयाँ और रोज़गार अभियान चलाया था, ने अब मिशन चढ़दी कला में भी बढ़-चढ़कर सहयोग दिया। उन्होंने 5 करोड़ रुपये का योगदान करने के अलावा ऐलान किया कि अपनी फाउंडेशन के माध्यम से वे प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को स्किल ट्रेनिंग और रोज़गार दिलाने की मुहिम शुरू करेंगे।

दूसरी और उद्योगपति राकेश भाटिया ने पंजाब सरकार पर अपने गहरे विश्वास को दर्शाते हुए मिशन चढ़दी कला में 10 करोड़ रुपये का दान दिया। भाटिया पहले भी किसानों के लिए आधुनिक कोल्ड स्टोरेज और मंडियों में हाई-टेक मैनेजमेंट सिस्टम बनाने में सहयोग करते रहे है। उन्होंने कहा कि पंजाब की पुनर्बहाली में यह योगदान उनका सामाजिक दायित्व है।

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वहीं पंजाबी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री नीरू बाजवा ने 1 करोड़ रुपये दान कर लोगों के दिल जीते। उन्होंने कहा कि पंजाब ने उन्हें नाम और पहचान दी, और अब पंजाब सरकार इस भरोसे को न्यायसंगत तरीके से निभा रही है। पहले भी नीरू बाजवा कई बार ग्रामीण स्कूलों और लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करती रही है।

मिशन चढ़दी कला के ज़रिए खिलाड़ियों का साझा संकल्प भी दिखा।खेल जगत से संदीप सिंह और हरभजन सिंह ने मिलकर 2 करोड़ रुपये दान दिए और घोषणा की कि सरकार के साथ मिलकर खेल अकादमियों में प्रभावित बच्चों को नि:शुल्क प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति दी जाएगी। पंजाब सरकार ने इसे खेल भावना और पंजाबीयत का सर्वोत्तम उदाहरण बताया।

प्रवासी पंजाबी और कनाडा-यूके के पंजाबीयों ने भो भरपूर योगदान दिया। कनाडा और यूके में बसे प्रवासी पंजाबी संगठनों ने लगभग 50 करोड़ रुपये मिशन चढ़दी कला में भेजे। प्रवासी संगठनों ने पहले भी पंजाब में स्कूलों, अस्पतालों और गांवों के पुनर्निर्माण में मदद की थी। उनकी पहल पंजाब सरकार की इस मुहिम को वैश्विक आयाम देती है।

साक्षी साव्हनी का प्रशासनिक समर्पण भी लोगों के द्वारा काफी सराहा जा रहा है, अमृतसर की पहली महिला उपायुक्त अधिकारी साक्षी साहनी का नाम भी उल्लेखनीय है। वह पहले कोविड प्रबंधन के दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए चर्चा में रही थी। अब मिशन चढ़दी कला के अंतर्गत वे राहत संसाधनों के धरातल पर क्रियान्वयन और महिलाओं के लिए स्वयं-सहायता समूह योजनाओं की निगरानी कर रही है। सरकार ने उनके प्रयासों को सराहते हुए कहा कि यह पंजाब की प्रशासनिक मज़बूती का साक्षात उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटल ट्रैकिंग प्रणाली के कारण प्रत्येक रुपये का हिसाब जनता के सामने है। यही पारदर्शिता मिशन चढ़दी कला को जन-जन का योगदान देने वाला बना रही है।अब मिशन चढ़दी कला केवल एक सरकारी योजना नहीं बल्कि समाज और सरकार का सामूहिक आंदोलन बन चुका है। चाहे वह उद्योगपति हो, कलाकार, खिलाड़ी, प्रवासी समुदाय या प्रशासनिक अधिकारी—सबकी भागीदारी पंजाब की ताकत और उसकी चढ़दी कला का प्रतीक है।

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