भोपाल में इंजीनियरिंग डे के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया कि प्रदेश में जल्द ही एक इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा। इस संस्थान में अभियंताओं को नवीनतम तकनीक और कार्यपद्धति का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनकी कार्यकुशलता और दक्षता बढ़ेगी।
कार्यक्रम राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन सेंटर में आयोजित हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोक निर्माण सर्वेक्षण ऐप, न्यूज लेटर और लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली का भी शुभारंभ किया। ये तकनीकी नवाचार विभाग की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बढ़ाएंगे।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अभियंताओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “इंजीनियर्स भगवान हनुमान के समान हैं, जिन्होंने हर चुनौती में उत्कृष्टता दिखाई।” उन्होंने बताया कि ‘अभियंता’ का मतलब है ‘आरंभ करने वाला’ और ईश्वर इस संसार के सबसे बड़े अभियंता हैं। उन्होंने मोक्षगुंडम विश्वैश्वरैया पुरस्कार से 7 इंजीनियरों और विश्वकर्मा पुरस्कार से 4 ठेकेदारों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘गति शक्ति योजना’ का उल्लेख करते हुए कहा कि ये योजनाएं तकनीकी प्रगति और राष्ट्र निर्माण में अभियंताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती हैं।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब तक 500 से अधिक लोक कल्याण सरोवर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश अधोसंरचना विकास में नई गाथा लिख रहा है और आने वाले समय में एक नया ऐप भी लॉन्च किया जाएगा जो कार्यों की समय सीमा का आकलन करेगा। पीएम गति शक्ति पोर्टल की मदद से पुलों और संरचनाओं के डिजाइनों में तेजी आई है।
यह पहल मध्यप्रदेश को तकनीकी और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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