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Mukesh Ahlawat, अतिशी कैबिनेट का नवनिर्वाचित दलित सदस्य ने ली शपथ; पार्षद से कैबिनेट का सफर

Mukesh Ahlawat: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी समेत उनके मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण कर ली है। आतिशी मंत्रिमंडल में एक नवीनतम दलित व्यक्ति शामिल हुआ है। जानिए कौन हैं मुकेश अहलावत…

Mukesh Ahlawat: दिल्ली ने एक नए मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया है। मुख्यमंत्री और कैबिनेट के पांच अन्य मंत्रियों ने शपथ ली है। इसी के साथ आतिशी सरकार की कैबिनेट में एक नया चेहरा भी जुड़ा है। इनका नाम मुकेश अहलावत है। हलावत पार्टी का दलित चेहरा हैं। 2020 में ये दिल्ली की सुल्तानपुर माजरा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। राजकुमार आनंद की जगह वे ले गए। संदीप कुमार पहले सुल्तानपुर माजरा से विधायक थे। संदीप का टिकट कटने के बाद ही आम आदमी पार्टी ने उन्हें अवसर दिया।

पुराने चेहरों के बीच सामने आया नया नाम

आतिशी सरकार के मंत्रियों ने आज शपथ ली है। इसमें आतिशी के अलावा पांच और मंत्रियों ने शपथ ली है। इनमें 4 चेहरे पुराने हैं। माने ये लोग केजरीवाल सरकार में भी थे। इनमें इमाम हुसैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज हैं। लेकिन एक नया चेहरा आया है। इनका नाम मुकेश अहलावत है। आपको बता दें कि अहलावत एक व्यापारी है और राजनीति में बहुत समय से नहीं है। आपको बता दें कि आनंद ने केजरीवाल सरकार से इस्तीफा देकर सरकार से नाता तोड़ लिया था। इसके बाद उन्होंने 2022 में पहली बार चुनाव लड़ा और जीता था।

दलित वोटरों को साधने की कोशिश

माना जाता है कि अहलावत को सामाजिक न्याय विभाग का काम मिल सकता है। जानकारों का कहना है कि इसकी वजह उनका दलित होना है क्योंकि यह काम अक्सर दलित लोगों को दिया जाता है। पार्टी के दो प्रमुख दलित नेताओं राजकुमार आनंद और राजेंद्र पाल गौतम ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है, इसलिए विश्लेषकों का अनुमान है कि पार्टी ने उनको कैबिनेट में शामिल करके दलित मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है।

पेशे से व्यापारी रहे अहलावत बने संदेशवाहक

पेशे से व्यापारी रहे अहलावत विधायक होने के अलावा, वे अभी राजस्थान के सह-प्रभारी भी हैं, जो पार्टी के दूसरे पद हैं। अहलावत पार्टी में सबसे एक्टिव विधायकों में से एक हैं। वह संदेशवाहक था जब पार्टी के सभी प्रमुख नेता जेल में थे। कई नेताओं और क्षेत्रीय नेताओं ने बताया कि अहलावत ने मोहल्ले-मोहल्ले जाकर कई सभाएं की थीं और लोगों को केजरीवाल का संदेश दिया था।

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