Narasimha Dwadashi 2025: नरसिंह द्वादशी के दिन व्रत रखने से श्रद्धालुओं की सभी पीड़ा दूर होती है। 2025 में नरसिंह द्वादशी का व्रत कब रखा जाएगा?
Narasimha Dwadashi 2025: भगवान विष्णु ने फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अपने भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए नरसिंह अवतार लिया था। यही कारण है कि आज भी नरसिंह द्वादशी का व्रत रखा जाता है। होली से दो-तीन दिन पहले नरसिंह द्वादशी रखना बहुत शुभ होता है। साल 2025 में नरसिंह द्वादशी कब है और व्रत रखने से क्या लाभ मिलता है, आइए जानते हैं।
नरसिंह द्वादशी 2025
10 मार्च, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि, सुबह 7 बजे 47 मिनट पर शुरू होगा। द्वादशी तिथि 11 मार्च की शाम को 8 बजे 16 मिनट पर समाप्त होगी। यही कारण है कि उदयातिथि की अनुमति से 11 मार्च को नरसिंह द्वादशी का व्रत रखना शुभ होगा। इस दिन आपको किस विधि से नरसिंह भगवान की पूजा करनी चाहिए आइए अब इस बारे में जानते हैं।
नरसिंह द्वादशी की पूजा की प्रक्रिया
नरसिंह द्वादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनना चाहिए। इस दिन पीला रंग का कपड़ा पहनना शुभ है। आपको फिर पूजा स्थल पर नरसिंह भगवान की प्रतिमा रखनी चाहिए। भगवान नरसिंह को पूजा करते समय फूल, फल और मिष्ठान देना चाहिए। आपको नरसिंह भगवान की पूजा पूर्व या उत्तर दिशा में करनी चाहिए। इसके बाद नरिसंह भगवान की पूजा करनी चाहिए। आप भी विष्णु भगवान की पूजा कर सकते हैं। पूजा पूरी होने पर भगवान को भोग लगाना चाहिए और अपने परिवार को भी भोजन देना चाहिए।
नरसिंह द्वादशी व्रत का महत्व और उससे मिलने वाले लाभ
नरसिंह भगवान विष्णु का चौथा अवतार माना जाता है। भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने यह रूप धारण किया था। भगवान का इस अवतार में आधा शरीर सिंह का था और आधा मनुष्य का, इसलिए उसे नरसिंह भगवान कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार नरसिंह द्वादशी के दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म जन्मांतर के पाप भी धुल जाते हैं। इसके अलावा, व्यक्ति को जीवन भर कष्ट और चुनौती का सामना नहीं करना पड़ता। हिंदू धर्म में नरसिंह द्वादशी का व्रत रखने से ब्रह्महत्या का पाप भी दूर होता है। जो भी भक्त विष्णु भगवान के नरसिंह स्वरूप की पूजा करता है, उनकी रक्षा भगवान अपने भक्त प्रह्लाद की तरह ही करते हैं। समस्त दुखों के निवारण के लिए नरसिंह द्वादशी का व्रत बेहद शुभ होता है।