Narasimha Jayanti 2025: नरसिंह जयंती के दिन ये चीजें भूल से भी न करें, वरना सारे काम बिगड़ जाएंगे!

Narasimha Jayanti kab hai: हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व, नरसिंह जयंती, भगवान विष्णु के चौथे अवतार, भगवान नरसिंह के जन्म की याद में मनाया जाता है। यह पर्व अक्सर अप्रैल या मई महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

Narasimha Jayanti kab hai: इस साल भगवान नरसिंह की जयंती मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु का क्रूर और अद्भुत अवतार था।यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जब भगवान नरसिंह ने राक्षस हिरण्यकश्यप को अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए मार डाला। भक्त भगवान नरसिंह की कृपा पाने के लिए इस दिन व्रत, पूजा और विशिष्ट नियमों का पालन करते हैं। धार्मिक नियमों के अनुसार, नरसिंह जयंती पर कुछ विशिष्ट नियमों का पालन करना अनिवार्य है। माना जाता है कि इन नियमों का उल्लंघन करने से भगवान नरसिंह नाराज हो सकते हैं और व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं।

नरसिंह चतुर्दशी की तिथि क्या है?

वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 10 मई को शाम 5 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी, पंचांग के अनुसार। वहीं, 11 मई को रात 9 बजकर 19 मिनट पर इसका समापन होगा। इसलिए इस वर्ष नरसिंह जयंती 11 मई को मनाई जाएगी।

नरसिंह जयंती पर इन कामों को करने से बचना चाहिए?

क्रोध और बुरे विचार

इस पवित्र दिन सकारात्मक और शांत रहना चाहिए। क्रोध या किसी को बुरा मानना अशुभ माना जाता है। भगवान नरसिंह एक उग्र व्यक्ति हैं, लेकिन वे शांति और सेवा को पसंद करते हैं।

मांसाहार और तामसिक खाद्य पदार्थ

नरसिंह जयंती पर पूरी तरह से सात्विक भोजन करना चाहिए। मदिरा, प्याज, लहसुन और मांस जैसे तामसिक भोजन से बचना चाहिए। यह दिन भगवान को समर्पित है और शुद्ध होना चाहिए।

किसी व्यक्ति का अपमान

इस दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए, खासकर बुजुर्गों या कमजोरों को। भगवान नरसिंह हर जीव में हैं और किसी को अनादर करना उनका क्रोध भड़क सकता है।

काले या नीले रंग का कपड़ा

नरसिंह जयंती पर काले या नीले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इस दिन पीला, लाल या केसरिया रंग का कपड़ा पहनना शुभ है। यह रंग शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक हैं।

शारीरिक संबंध

ब्रह्मचर्य का पालन करना इस दिन महत्वपूर्ण माना जाता है. इसलिए, नरसिंह जयंती के दिन शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।

घर में अंधेरा

नरसिंह जयंती के दिन घर में अंधेरा नहीं होना चाहिए। माना जाता है कि भगवान नरसिंह इस समय आ रहे हैं, इसलिए घर को रोशनी से जगमगाना चाहिए।

झूठ बोलना या छल करना

झूठ बोलना या किसी के साथ छल कपट करना इस पवित्र दिन घोर पाप है। ईमानदारी और सत्य का पालन करना चाहिए।

नरसिंह जयंती का महत्व

यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय और भगवान विष्णु के अपने भक्तों की रक्षा करने की शक्ति का प्रतीक है. नरसिंह भगवान का अवतार भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने और अत्याचारी असुर राजा हिरण्यकशिपु का वध करने के लिए हुआ था. इसलिए नरसिंह जयंती केवल पूजा का नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि का भी पर्व है. यदि भक्त इन वर्जित कार्यों से बचते हैं और पूरे श्रद्धा से पूजा करते हैं, तो भगवान नरसिंह की विशेष कृपा उन पर बनी रहती है

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