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Pitru Paksha 2024: पितरों को श्राद्ध और तर्पण नहीं करने के गंभीर परिणामों में शामिल हैं ये पांच बड़ी समस्याएं

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष पर तर्पण करके हम अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। लेकिन श्राद्ध नहीं करने से आपके जीवन में कई समस्याएं आ सकती हैं।

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में हम श्रद्धा व्यक्त करते हुए श्राद्ध और तर्पण करते हैं और अपने पूर्वजों को याद करते हैं। 17 सितंबर, 2024 से पितृ पक्ष शुरू हो गया है और 2 अक्तूबर तक श्राद्ध पक्ष जारी रहेगा। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि क्या हालात हो सकते हैं अगर कोई अपने पितृ पक्ष पर श्राद्ध या तर्पण नहीं करता है। ऐसे लोगों को पितृदोष के अलावा कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आज हम इसी विषय पर आपको बताएंगे।

पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण क्यों जरूरी

पितृ पक्ष पर श्राद्ध, दान और तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। हम भी पितृऋण से छुटकारा पाते हैं। मार्कंडेय पुराण में कहा गया है कि पितृ पक्ष पर श्रद्धापूर्वक अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध करने से कई परेशानियां दूर हो जाती हैं। ऐसे व्यक्ति को जीवन में धन और सुख मिलता है। साथ ही ऐसे लोगों को घर परिवार में सुख-समृद्धि देखने को मिलता है। वहीं, श्राद्ध या तर्पण न करने से व्यक्ति को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ा सकता है।

पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण न करने से क्या होता है?

पितृ असंतुष्ट रहते हैं– मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध नहीं किया जाता, तो पितृ आत्मा तृप्त नहीं हो पाती और वे असंतुष्ट रह जाते हैं।

इससे पितृ दोष तो लगता ही है साथ ही कई अन्य परेशानियां भी जीवन में आती हैं। इससे घर में आर्थिक कठिनाइयाँ या अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। हर चीज खराब होने लगती है और जीवन व्यस्त हो जाता है।

काम पर नकारात्मक प्रभाव- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध न करने से व्यक्ति अपने पूर्वजों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर सकता, जिससे उसके कर्मों पर बुरा असर पड़ सकता है। उसके जीवन में कष्ट और चुनौती इसका परिणाम हो सकता है। ऐसे लोगों की योजनाएं कभी सफल नहीं हो पातीं, और उन्हें हार मिल सकती है।

व्यक्ति की संतान पर बुरा असर- अगर आप अपने पितरों को श्राद्ध नहीं करते हैं, तो आपके लिए और आपकी आने वाली पीढ़ी को इसका बुरा असर हो सकता है। इससे आपकी संतान भी परेशान हो सकती है। कुछ मान्यताओं के अनुसार कुछ बीमारियां बच्चों में जन्मजात हो सकती हैं।

शारीरिक और मानसिक समस्याएं- पितृ पक्ष के दौरान हम अपने पितरों का सम्मान करते हैं। लेकिन श्राद्ध, तर्पण आदि नहीं करने वाले शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजर सकते हैं।

अपयश का खतरा- अगर आप अपने पूर्वजों का श्राद्ध नहीं करते हैं, तो आप झूठे आरोपों में फंस सकते हैं, बिना कुछ किए भी फंस सकते हैं और जीवन भर अपयश का सामना करना पड़ सकता है। या फिर समाज में आपका नाम बदनाम होगा।

इसलिए हर व्यक्ति को पितृ पक्ष के दौरान अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध-तर्पण अवश्य करना चाहिए। आप अपने सामर्थ्य के अनुसार इस दौरान दान भी कर सकते हैं, क्यों आपके द्वारा किया गया दान भी पितरों को प्रसन्न करता है।

 

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