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लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी बोले -आलोचना जीवंत लोकतंत्र का आभूषण

पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं अपनी बात बताने से पहले कल जो घटना घटी उसके लिए दो शब्द जरूर कहना चाहूंगा। देश ने आदरणीय लता दीदी को खो दिया। इतने लंबे कालखंड में जिनकी आवाज ने देश को मोहित किया। देश को प्रेरित किया, देश को भावनाओं से भर दिया। सांस्कृतिक धरोहर और एकता को मजबूत किया। उन्होंने 36 भाषाओं में गाया। ये भारत के लिए एकता और अखंडता के लिए एक प्रेरक उदाहरण है। मैं लता दीदी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं।

उन्होंने कहा कि विश्व में बहुत बड़ा बदलाव आया है। एक बड़ा वर्ल्ड ऑर्डर जिसमें हम जी रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि कोरोनाकाल के बाद विश्व एक नए व्यवस्थाओं की तरफ बढ़ रहा है। भारत को यह अवसर गंवाना नहीं चाहिए। टेबल पर भारत की आवाज बुलंद रहनी चाहिए। भारत को नेतृत्वकर्ता के रोल के लिए खुद को कम नहीं आंकना चाहिए। आजादी के 75 साल अपने आप में एक प्रेरक अवसर है। नए संकल्पों के साथ देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा

उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में देश ने कई क्षेत्रों में मूलभूत व्यवस्था दी है। बहुत मजबूती का अनुभव किया है। हम बहुत मजबूती से आगे बढ़े हैं। गरीबों को रहने के लिए घर हों। ये कार्यक्रम बहुत लंबे समय से चल रहा है। लेकिन इसकी व्यापकता बढ़ी है। गरीबों का घर भी लाखों की कीमत का बन रहा है। जो भी पक्का घर पाता है, वह गरीब आज लखपति की श्रेणी में भी आ जाता है। कौन हिंदुस्तानी होगा, जिसे ये सुनकर गर्व न हो कि देश के हर गरीब से गरीब व्यक्ति के घर में शौचालय है। गांव के गांव शौचमुक्त हुए हैं।

पीएम ने कहा कि आज गरीब भी टेलिफोन पर अपने बैंक के खाते का इस्तेमाल करता है। सरकार की दी हुई राशि सीधी उसके बैंक खाते में पहुंचती हो। ये सब अगर आप जमीन से जुड़े हुए होते, अगर आप जनता के बीच में रहते होते, तो ये चीजें जरूर नजर आतीं, दिखाई देतीं। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि आप में से बहुत लोग ऐसे हैं जिनकी सुई का कांटा 2014 में अटका है। उससे वे लोग बाहर नहीं निकल पाते हैं। उसका नतीजा भी आपको भुगतना पड़ा है। आपने अपने आपको ऐसी मानसिक अवस्था में बांधकर रखा है। देश की जनता ने आपको पहचान लिया है। कुछ ने पहले, कुछ ने अभी और कुछ बाद में पहचानेंगे।

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