मंत्री अमन अरोड़ा ने केंद्र की 1600 करोड़ की सहायता को बताया बेहद कम, कहा प्राकृतिक आपदा में हुआ सौतेला व्यवहार

पंजाब में आई बाढ़ से हुए भारी नुकसान के बीच मंत्री अमन अरोड़ा ने केंद्र की 1600 करोड़ रुपये की सहायता को अपर्याप्त बताया। जानिए पंजाब सरकार की मांग और किसानों की परेशानियां।

पंजाब इस समय 1988 के बाद की सबसे भयावह बाढ़ की चपेट में है, जिसने राज्य के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पंजाब दौरे पर 1600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया, लेकिन पंजाब सरकार में मंत्री अमन अरोड़ा ने इसे बाढ़ पीड़ितों के लिए अपर्याप्त और निराशाजनक बताया।

केंद्र की सहायता पर पंजाब सरकार की नाराजगी

मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि इतनी व्यापक आपदा के बावजूद केंद्र सरकार ने पंजाब की जरूरतों को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने बताया कि 1600 करोड़ रुपये का पैकेज बाढ़ प्रभावितों के लिए पर्याप्त नहीं है और यह एक मजाक जैसा है। पंजाब सरकार लगातार केंद्र से 60 हजार करोड़ रुपये के रोके हुए फंड और 20 हजार करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज की मांग कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सहायता नहीं मिली है।

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किसानों को हुआ भारी नुकसान

अमन अरोड़ा ने कहा कि बाढ़ से पंजाब की खेती को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। कटाई से 15-20 दिन पहले फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं, जिससे किसानों की आमदनी पूरी तरह खत्म हो गई है। करीब 4.80 लाख एकड़ कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है, जिसमें से 3.71 लाख एकड़ पर झोने की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों को नई बुआई का भी मौका नहीं मिल पाया है।

केंद्र से पंजाब सरकार की अपील

पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र की सीमित सहायता राज्य की जनता के साथ अन्याय है। मंत्री अमन अरोड़ा ने केंद्र से आग्रह किया कि वह पंजाब की गंभीर स्थिति को समझे और वास्तविक राहत पैकेज उपलब्ध कराए ताकि प्रभावित लोगों की मदद हो सके।

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