2026 तक पंजाब में लड़कियों का अनुपात बढ़ाने का लक्ष्य ; बेटियों की सुरक्षा के लिए पंजाब सरकार का बड़ा कदम

पंजाब में कन्या भ्रूण हत्या जैसे बुरे काम को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने बड़ा कदम उठाया है

पंजाब में कन्या भ्रूण हत्या जैसे बुरे काम को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि अब पंजाब सिर्फ बदलाव नहीं चाहता, बल्कि सबसे अच्छा बनना चाहता है। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक पंजाब का लिंग अनुपात देश के औसत से भी बेहतर हो।

मान सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक हर बात पर नजर रखी जाए। इसका मकसद है कि कहीं भी लिंग जांच या कन्या भ्रूण हत्या की कोशिश न होने पाए। यह कदम दिखाता है कि सरकार महिलाओं के सम्मान और बराबरी को बहुत महत्वपूर्ण मानती है।

चंडीगढ़ में हुई एक कार्यशाला में डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि लड़की के जन्म को रोकना समाज के लिए सबसे बड़ा दोष है। उन्होंने साफ कहा कि अब पंजाब में इस अपराध के लिए “बिल्कुल बर्दाश्त नहीं” की नीति लागू होगी। यह संदेश स्वास्थ्य कर्मचारियों और पूरे समाज के लिए है कि कन्या भ्रूण हत्या किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है।

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इस मिशन के लिए राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। सिविल सर्जन, स्वास्थ्य अधिकारी, नर्सें और खासकर ASHA वर्कर हर गर्भवती महिला पर निगरानी रखेंगे, ताकि उसकी सही देखभाल हो सके और कोई गलत काम न हो सके। यह निगरानी न केवल अपराध रोकने में मदद करेगी, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा भी बढ़ाएगी।

मंत्री ने पीसी-पीएनडीटी कानून (1994) की अहमियत भी समझाई। यह कानून इसलिए बनाया गया था कि कोई भी व्यक्ति मशीनों का गलत इस्तेमाल करके लिंग जांच न कर सके। उन्होंने कहा कि कानून तभी काम करता है जब सरकार और समाज दोनों मिलकर इसे लागू करें—और मान सरकार यही कर रही है।

सरकार सिर्फ सख्ती ही नहीं कर रही, बल्कि लोगों को जागरूक भी कर रही है। पूरे राज्य में ऐसे कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिनसे लोगों में बेटियों के प्रति सम्मान बढ़े और सभी समझें कि लड़की और लड़का दोनों बराबर हैं। यह केवल सरकारी काम नहीं, बल्कि समाज को बदलने का अभियान है।

पंजाब सरकार का यह कदम आने वाले समय में राज्य की पहचान को और ऊँचा करेगा—एक ऐसा पंजाब, जहाँ बेटी का जन्म खुशी की बात होगा, जहाँ महिलाओं को बराबर मौके मिलेंगे और जहाँ सरकार एक सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य बनाएगी। यह अभियान दूसरे राज्यों के लिए भी एक अच्छी मिसाल बनेगा।

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