पंजाब सरकार की O.T.S नीति से ‘बीमार’ चावल मिलों को पुनर्जीवित कर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सावनी खरीद सीजन में धान की उठान तेज और सुचारू होगी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने चावल मिल मालिकों की सहायता के लिए वन टाइम सेटलमेंट (O.T.S) 2025 नीति को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य बंद या ‘बीमार’ चावल मिलों को पुनः चालू करके राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाना और सावनी खरीद सीजन के दौरान धान की उठान को तेज़ और सुगम बनाना है।
ओ.टी.एस नीति के तहत चावल मिल मालिकों के बकाए की होगी छूट
पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि 2024-25 तक 1688 मिलरों पर लगभग 12,000 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें 10,000 करोड़ रुपये ब्याज और 2181 करोड़ रुपये मूल राशि शामिल है। नई ओ.टी.एस नीति के अनुसार, मिलरों को केवल मूल राशि का आधा हिस्सा चुकाना होगा। डिफॉल्टर मिलर अनाज खरीद पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं और भुगतान एकमुश्त या तीन मासिक किस्तों में कर सकते हैं।
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नीति का लाभ: सुचारू खरीद प्रक्रिया और बढ़ा रोजगार
मंत्री कटारूचक्क ने बताया कि चावल मिल मालिकों को प्रत्येक खरीद सीजन के बाद अपने खातों को साफ़ करना अनिवार्य होगा ताकि अगली खरीद के लिए धान की अलॉटमेंट दी जा सके। नई नीति के जरिए लंबित कानूनी मामलों का समाधान किया जाएगा और ‘बीमार’ मिलों को पुनर्जीवित कर पंजाब की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इससे सावनी सीजन में धान की उठान तेजी से होगी और किसानों को बेहतर लाभ मिलेगा।
पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता
यह योजना राज्य में चावल मिल उद्योग को पुनर्जीवित कर किसानों और मिलरों दोनों के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ रोजगार सृजन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव राहुल तिवाड़ी और निदेशक वरिंदर कुमार शर्मा भी मौजूद थे।
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